स्वच्छ भारत अभियान का सच पार्ट 04 : भाजपा का पार्षद भाजपा सरकार में भी है हैरान परेशान ?
ग्रेटर वार्ड 70 पार्षद रामावतार गुप्ता का दर्द आया सामने
सेक्टर 30 मानसरोवर बन गया है कचराघर
सैकड़ों पत्र लिख चुके हैं निगम मेयर,आयुक्त और उपायुक्त मानसरोवर को कांग्रेस के राज में नहीं हुआ काम 70 करोड़ का बजट वार्ड विकास के नाम पर हुआ जारी लेकिन काम 7 करोड़ का भी नहीं आया है नज़र
रामावतार गुप्ता ने बताया कि वार्ड वासी कचरे और गंदगी से परेशान हैं लेकिन आज भी मानसरोवर जोन नगर निगम ग्रेटर में सुनवायी नहीं हो रही बीजेपी के पार्षद हैं बुजुर्ग रामवतार गुप्ता।
वार्ड 70 के सेक्टर 30 में लिंक रोड़ पर आवासन मण्डल के पुराने मकान हो रहे धराशायी और कचरा पात्र बन रहे पुराने पड़े सूने मकान।
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
बीजेपी के राज में बीजेपी का पार्षद परेशान क्यों?
स्वच्छता का अभियान राजस्थान में दोनों सरकारों का सर्वोपरि करोड़ों का अभियान रहा है लेकिन उसके बावजूद शहर की गलियाँ और मोहल्ले सड़े हुए हैं।
ऐसी स्थिति को स्थानीय सूचना के आधार पर जानने पहुँची हिलव्यू समाचार की टीम और बात की स्थानीय पार्षद रामवतार गुप्ता व स्थानीय निवासियों से।
मानसरोवर सेक्टर 30 मध्यम मार्ग स्वर्णपथ पर आवासन मंडल के द्वारा आवासीय योजनाएँ विकसित की गईं हैं हालांकि यह आवासीय योजनाएँ मुख्य मध्यम मार्ग पर आते-आते कमर्शियल दुकानों में बदल गयी हैं।
आवासन मंडल के द्वारा बनाये गए मकान की जर्जर हालत और गिरते हुए मकानों का भी अवलोकन हुआ और उसके बावजूद इन मकानों में सीजर लाइन की तरफ पीछे कचरे का डिपो बनते हुए भी देखा।
जहाँ पर एक मकान पूरी तरह से धराशाही होकर जमीन पर गिर कर झूल गया है और उसी के साथ-साथ वहां पर बड़ा सा कचरा डिपो भी बन गया है और आश्चर्य वाली बात यह है कि मध्यम मार्ग के सभी दुकानदार उन सूने पड़े आवासन मंडल के मकानों में लघु शंका करने भ8 चले जाते हैं।
ऐसी स्थिति में ग्रेटर निगम की स्वच्छता अभियान की नीति और रिति कटघरे में खड़ी नजर आती है।
जहाँ एक तरफ मेयर सौम्या गुर्जर बड़े-बड़े आयोजन स्वच्छता को लेकर करती रही हैं और करोड़ों अरबो का रूपया स्वच्छता अभियान में ग्रेटर को मिल रहा है लेकिन उसके बावजूद मानसरोवर के हालात देखते हुए लगता है कि आखिरकार किस तरह से स्वच्छता अभियान की राशि का सदुपयोग कर रहा है निगम ग्रेटर
वार्ड 70 की समस्याओं को लेकर वार्ड 70 पार्षद रामवतार गुप्ता की टिप्पणी-