वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल का एक और काला कारनामा आया सामने
यह पार्षद है या अपराधी जानना चाहती है अब जनता
पत्नी के साथ मारापीटी और दहेज़ को लेकर लगातार सुर्खियों में है वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल
इससे पूर्व भी एक जेईएन और एक कर्मचारी के साथ गुंदागिर्दी और मारापीटी में नीरज अग्रवाल का नाम आया था सुर्खियों में
दौसा सहित कई जगह चेक बाउंस मामले हैं लंबित वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल के नाम से
शालिनी श्रीवास्तव
जहाँ एक ओर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर भाजपा महिला नेता महिला शक्ति वंदन का भव्य समारोह आयोजित करती हैं।
जहाँ एक ओर राजस्थान सरकार महिला सशक्तिकरण पर दिनरात काम कर रही है वही दूसरी ओर दहेज़ जैसी पुरानी बीमारी आज भी महिलाओं के अस्तित्व में कोढ़ की तरह चिपकी है।
ऐसे में समाज और सरकार द्वारा की जाने वाली बातें खोखली नज़र आतीं हैं कि समाज और सरकार स्त्री के अस्तित्व के लिए गम्भीर है जबकि सरकारी सिस्टम और राजनीति से जुड़ा एक अदना सा व्यक्ति जो कि पार्षद भी है वो सरकार की सारी महिला सशक्तिकरण की रीतियों और नीतियों को धता दिखा रहा है।
भाजपा की गरिमा में लगातार कलंक का काम कर रहा है वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल।
हालांकि अब तक कांग्रेस का वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल को ऑफिसियली बीजेपी में शामिल नहीं किया गया है लेकिन बीजेपी के हारे हुए और जीते हुए नेताओं की चमचागिरी करके उनसे सम्बन्ध बनाने में जुटा हुआ है पार्षद 93 नीरज अग्रवाल और ख़ुद को बीजेपी में शामिल में बताता है।
ऐसे में उन भाजपा नेताओं को अपने ज्ञान चक्षु खोलने की आवश्यकता है और भाजपा की छवि को बचाने की आवश्यकता है।
जवाहरनगर थाने में दर्ज केस 0081 में उनकी पत्नी प्रीति ने आरोप लगा कर बताया कि दिनांक 18.4.2018 को प्रीति के पिता ने 3 लाख रूपये वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल को जरिये RTGS दहेज के रूप में टी.बी फ्रिज,सोफा, अलमारी ,बेड ,एसी ,सामान खरीदने को दिये थे । अप्रैल 2019 में प्रीति के पिता ने एक स्कोडा कार नम्बर RJ14CW0284 खरीद कर अपने ज्वाई वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल को दी थी किन्तु उसके पश्चात भी नीरज और उसके परिवार वालों ने 51 लाख की डिमांड की इसी बीच 8.5.2019 प्रीति ने पुत्र कियान्श अग्रवाल को जन्म दिया । 4.5.2022 को पुत्र का जलवा प्रोग्राम मे भी प्रीति के माता पिता ने ससुराल वालों को सोने चांदी के आभूषण नकद 5100 रूपये व अन्य सामान दिया।
प्रीति ने बताया कि उसका पति वार्ड 93 पार्षद नीरज अग्रवाल शराब पीता है और दहेज़ को लेकर मारपीट करता है गला तक दबाने की स्थिति में आ जाता है।
अन्य महिला के साथ सम्बंध दर्शाता है।
01 मार्च 2024 को वार्ड 93 पार्षद नीरज ने अपने अवैध पार्षद कार्यालय जवाहर नगर में अपने भाई ऋषि के साथ अपनी पत्नी प्रीति और उसके भाइयों के साथ मारपीट की। 02 मार्च को भी इसी तरह प्रीति के साथ मारपीट की गई। जिस पर जवाहरनगर थाने में सूचना देने पर पुलिस तो आयी लेकिन महिला थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की बात कहकर मामला शान्त रखने की हिदायत देकर बिना कार्यवाही करे चली गयी। आख़िर महिला थाने में 3 मार्च 2024 को FIR 0074 देने पर वो जवाहरनगर थाने में 5 मार्च 2024 मार्च को ट्रांसफर की गई। इसके साथ जस्ट दूसरी FIR 0081 भी की गई जिसमें स्त्री धन चुराने व मारापीटी करने का आरोप लगाया है।
इससे पता लगता है कि स्थानीय पुलिस कितनी गम्भीर है इस तरह के महिला उत्पीड़न के मामलों को लेकर कि महिला थाने पर दर्ज करवाने का कहकर और टालकर वर्तमान स्थिति पर कोई कार्यवाही नहीं करती ।
ये कैसा क़ानून है कि हत्या होने तक इंतज़ार करता है ये कैसा क़ानून है कि मामला गंभीर होने का इंतज़ार करता है?
केंद्र सरकार जिस तरह नियम क़ानून कायदों में संशोधन कर रही है उन्हें महिला उत्पीड़न के मामलों में भी गम्भीर संशोधन करने की आवश्यकता है अगर महिला ग़लत है तो उसे कठोर दंड दें और अगर पुरुष ग़लत है तो उसे कठोर दण्डित करे लेकिन गम्भीर अपराध होने का इंतज़ार न करें।