सुंदर साईं बिल्डर्स के फर्जीवाड़े की ख़बर विस्तार से
हमने आपको बताया था कि फ़र्ज़ी GSTIN और फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन से बन रहीं हैं फ़र्ज़ी बिल्डिंग्स और कम्पनियाँ
लीड लाइन
ईश्वर और आस्था के नाम पर धोखाधड़ी का धंधा कर रहा सुंदर साईं बिल्डर्स
सुंदर साईं बिल्डर के कुकर्मों का आज होगा ख़ुलासा
जवाहरनगर थाने में FIR नंबर 00 62 में सुंदर साईं बिल्डर्स के नाम दर्ज हुआ फ्रॉड का केस
एक तरफ देश मना रहा अंतराष्ट्रीय महिला दिवस और दूसरी तरफ घर की महिलाओं का मिसयूज़ करके बिल्डर्स कर रहे आम जनता का शोषण
राजापार्क में फ़र्ज़ी बिल्डर्स अपनी पत्नी बहू बेटी के नाम से फ़र्ज़ी फर्में बनाकर कर रहे करोड़ों का फर्ज़ीवाड़ा
ये फ़र्ज़ी व्यापारी,बिल्डर्स,पार्षद और नेता ये लोग राज्य नहीं बल्कि केंद्र स्तर के भी हैं अपराधी
न रेरा,न जीएसटी,न एमएसएमई किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन नहीं लेकिन फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन नंबर से फ़र्ज़ी फर्म और फ़र्ज़ी बैंक खाते चलाकर बेवकूफ़ बना रहा है सुंदर साईं बिल्डर
साईं बाबा के नाम से कई फ़र्ज़ी फर्में हैं संचालित उसका भी खुलासा होगा अगले अंक में
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार
सुंदर साईं बिल्डर्स के इसी तरह के फ्रॉड में फँस गया गुलाबानी परिवार जी हाँ! ये वही नरेश गुलबानी है जिसने लगातार सिंधी समाज और राजापार्क के अन्य व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से अपने साथ हुए सुन्दर साईं बिल्डर के फ्रॉड को उजागर करके बाकी समाज को जगाने की कोशिश की थी।नि:संदेह रोने से न संघर्ष समाप्त होता है न सफलता मिलती है इसीलिए समय के अनुसार नरेश गुलाबानी ने अपने संघर्ष को नई दिशा दी और सुंदर साईं बिल्डर्स के फ्रॉड भरे इतिहास के पन्नों को पलटकर पढ़ना शुरू किया इसमें कई बड़े फ्रॉड और करोड़ों के फ़र्ज़ी व्यापार का सच सामने आ गया। सुंदर साईं बिल्डर के ख़िलाफ़ सारे सुबूत और दस्तावेज़ इकट्ठे करके नरेश गुलाबानी ने जवाहरनगर थाने में 0062 FIR दर्ज करवा दी है। जिसमें अंकित है कि 25 फरवरी 2021 में फ़र्ज़ी फर्म सुंदर साईं बिल्डर की फ़र्ज़ी प्रोपराइटर दीक्षा रामनानी और दिनेश खेमानी ने राधा गुलाबानी व पुत्र नरेश गुलाबानी के साथ मिलकर उनके 7000 स्क़वायर फ़ीट प्लॉट C-9 सिंधी कॉलोनी में बतौर रजिस्टर्ड डवलपमेंट एग्रीमेंट के तहत 05 सितम्बर 2021 को प्रोजेक्ट शुरू किया। नरेश गुलाबानी ने हिलव्यू समाचार को बताया कि सुंदर साईं बिल्डर के मालिक दिनेश खेमानी ने रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की शर्तों को दरकिनार करते हुए कंस्ट्रक्शन पॉवर ऑफ अटर्नी व निगम के नक्शों के विपरीत काम शुरू कर दिया और धीरे धीरे सुंदर साईं बिल्डर अपनी बिल्डिंग क्वालिटी से भी समझौता करने लगा और अपनी बातों से मुकरने लगा,सेनेट्री और फ्लैट साइज़ को लेकर भी उसकी डील में फर्क नज़र आने लगा। कुल मिलाकर C-9 के निर्माण में धोखाधड़ी होने लगी।विवाद बढा और काम बंद हो गया। C-9 के निर्माण के कारण गुलाबानी परिवार किराये के मकान में शिफ्ट हुआ था जिसका किराया एग्रीमेंट्स के अनुसार 40,000 रुपये माह सुंदर साईं बिल्डर को ही देना होता था विवाद के बाद सुंदर साईं बिल्डर्स ने वो भी बन्द कर दिया यानी गुलाबानी परिवार सुंदर साईं बिल्डर के धोखे से दर-बदर हो गया और बर्बादी के कगार पर आ खड़ा हुआ।
उसके बाद नरेश गुलाबानी ने सुंदर साईं बिल्डर्स पर जब रिसर्च की तो कई फ्रॉड सामने आये।
सुंदर साईं बिल्डर प्रोपराइटर एक तरफ़ दीक्षा रामनानी पुत्री श्री रमेश रामनानी के नाम से पहचान रखती है इससे फर्म बनाती है फ़र्ज़ी फर्म का GSTIN नंबर 08AQYPR2833A1ZK है यह फर्म जोधपुर से 01 जुलाई 2017 को रजिस्टर्ड हुई थी और उसी दिन 01 जुलाई 2017 को बंद भी करवा दी गयी और वहीं दूसरी ओर नई फर्म शुरू की गई जिसका GSTIN नंबर 08AQYPR2833A2ZJ है जिसका अड्रेस जवाहर नगर जयपुर है जो 07 सितम्बर 2017 को रजिस्ट्रर्ड हुई इसको भी दिनाँक 9 जून 2020 को सुओमोटो से कैसल करवा दिया गया। इसी तरह दीक्षा खेमानी पत्नी दिनेश खेमानी का एक और आधार कार्ड भी है।
इसी बीच सुंदर साईं बिल्डर ने 2020 में स्वयं द्वारा ही बनवाई और हाथों हाथ बंद करवाई गई फर्म और बन्द फर्म के फ़र्ज़ी बैंक खाते से जवाहर नगर में 3 त 6 मल्टीस्टोरी बिल्डिंग खड़ी की फ़र्ज़ी खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में संचालित है और सिर्फ़ ये ही नहीं उसके बावजूद फ़र्ज़ी फर्म के नाम पर कई सारी रजिस्ट्रियां भी बनवाई है। यह देखने और चौंकाने वाली बात है कि फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन फर्जी जीएसटी नंबर से रजिस्ट्री हुई है तो रजिस्ट्रियां भी फर्जी ही कहलाएंगी जिसका अंदाजा खरीदने वाले मासूम ग्राहक को आज भी नहीं है।
कुल मिलाकर आम मासूम जनता को और सरकार को लगा राजस्व का चूना सुंदर साईं बिल्डर्स लगातार लगा रहा है GSTIN की चोरी करके
कुल मिलाकर हम आपको बताना चाहते हैं कि किस तरह से बिल्डर अपनी मां बहन बेटी पत्नी के नाम से फर्जी फर्म बनाते हैं।
एक दिन में फर्जी फर्म का जीएसटी नंबर लेते हैं और उसी दिन जीएसटी नंबर को सुओमोटो से कैंसिल कर देते हैं लेकिन वह जीएसटी नंबर कागज़ों में जिंदा रखते हैं। अपनी फर्जी कागजों में कैंसल GST नंबर दर्शाकर बड़ी-बड़ी डील्स करते हैं ग्राहकों से पैसा लेते हैं जीएसटी लागू करते हैं और वह जो जीएसटी का दो नंबर का पैसा आता है वह अपनी जेब में रख लेते हैं और इसी के साथ-साथ एक रजिस्टर्ड फॉर्म दिखाकर लोगों की नहीं बल्कि सरकार की भी आँखों में धूल झौंकते हैं यह कितना बड़ा फ्रॉड है जो कि देखा जाए तो एक देशद्रोह भी है यहाँ आप देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं सरकारी सिस्टम को खोखला कर रहै हैं।
दो-दो तीन-तीन आधार कार्ड मेंटेन कर रहे हैं उन आधार कार्ड के माध्यम से कई फर्में बना रहे हैं GST नंबर जनरेट करवाकर कैंसल करवा रहे हैं लेकिन कैंसल GST काम में ले रहे हैं।
यह किस तरह का खेल राजस्थान राज्य में चल रहा है राजस्थान सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है कि किस तरह से फर्जी फर्म बनाकर लोगों को लूटा जा रहा है। राजस्व को लूट रहे हैं बिल्डर्स।
दो-दो आधार कार्ड जनरेट करके फ़र्ज़ी GSTIN फर्म दिखाकर बिजनेस करना केवल राजस्व की चोरी ही नहीं बल्कि गंभीर अपराध है। आम जनता के साथ साथ सरकार की आँखों में धूल झौंकना है।