स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका खारिज
जयपुर
शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने के निर्णय को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती बुधवार को खारिज हो गई है। हाईकोर्ट ने दलील देते हुए कहा है कि मुस्लिम फोरम एक रजिस्टर्ड संस्थान नहीं हैऔर हाईकोर्ट में कोई भी संगठन तभी याचिका दायर कर सकता है जब वह रजिस्टर्ड हो। अथवा व्यक्तिगत रूप से याचिका दायर की जा सकती है। एआईएमआईएम की याचिका पर हाईकोर्ट में 20 फरवरी को सुनवाई होगी।
याचिकाओं में कहा गया था कि शिक्षा विभाग का स्कूलों में सूर्य नमस्कार कराने का निर्णय गैर संवैधानिक है। यह संविधान के आर्टिकल-25 का उल्लंखन करता है। आर्टिकल-25 में हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता दी गई है। सरकार का यह आदेश व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है। इसे रद्द किया जाए, अथवा इसे अनिवार्य रूप से लागू नहीं करके ऑप्शनल रखा जाए।
उल्लेखनीय है कि15 फरवरी कोसूर्य जयंती है और उसे दिन सूर्य नमस्कारसरकारी विद्यालयों में कराए जाने के लिए शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर रखे हैं। शिक्षा विभाग के आदेश के खिलाफ भी यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
हाईकोर्ट में याचिका के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन सूर्य नमस्कार धार्मिक क्रिया नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों ने इसे स्वीकार किया हैं। इसलिए 21 जून को योग दिवस मनाया जाता हैं। सूर्य नमस्कार एक तरह का सर्वांग योग हैं। इसमें सभी तरह के योग समाहित हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू रहेंगे। स्कूल में आने वाले सभी लोगों को सूर्य नमस्कार करना होगा।