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इन्वेस्टर्स और बायर को मझदार में छोड़ने वाला सिद्दार्थ बिल्डकॉम अब बर्बादी की राह पर

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इन्वेस्टर्स और बायर को मझदार में छोड़ने वाला सिद्दार्थ बिल्डकॉम अब बर्बादी की राह पर

एक साथ कई बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स शुरू करना और फिर खुद को दिवालिया बताकर जेवी से अलग हो जाना सिद्धार्थ बिल्डकॉम की पहचान

यह मात्र एक संयोग है या प्रयोग है सिद्धार्थ बिल्डकॉम का मार्केट में बने रहने का

यह वह बिल्डर कंपनी है जो बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बिल्डिंग्स बनाती है और फिर विवादों में घिर जाती है

सिद्दार्थ बिल्डकॉम के मालिक निश्चल भंडारी जैसे फ़र्ज़ी बिल्डर्स इन्वेस्टर्स और खरीददार दोनों को ही चूना नहीं लगाते निगम राजस्व को भी चूना लगाते हैं और भोली सूरत लेकर शातिर सीरत छुपाते नज़र आते हैं

आख़िर सिविल लाइन जोन नगर निगम हैरीटेज के उपायुक्त राकेश शर्मा अवैध निर्माणों पर संज्ञान क्यों नहीं ले रहे।

प्लॉट नम्बर 95-96 सी स्कीम,सिविल लाइन जोन नगर निगम हैरीटेज इसका सशक्त उदाहरण है जिसमें बिना निगम स्वीकृति के बिना भूरूपांतरण के अवैध बहुमंज़िला इमारत बन रही है

निगमों से मिलीभगत करके अवैध बेसमेंट्स,अवैध पेंटहाउस और अवैध यूनिट्स बनाकर सिद्धार्थ बिल्डकॉम बिल्डर राजस्व को करोड़ों का चूना लगा चुका है और आज भी लगा रहा है

नगर निगम हैरीटेज के आयुक्त अभिषेक सुराणा एक ऊर्जावान और कर्मठ अधिकारी रहे हैं लेकिन वो भी इस भ्रष्टाचार और मिलीभगत से नहीं लड़ सके उनका स्थानांतरण कर दिया गया आख़िर क्यों?

जल्द ही स्थानीय विधायक गोपाल शर्मा व नव नियुक्त नगर निगम हैरीटेज आयुक्त अरुण कुमार हसीजा व नवनियुक्त मेयर कुसुम यादव से इस क्षेत्र में फैले अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर हिलव्यू समाचार टिप्पणी लेगा कि भजन सरकार की भ्रष्टाचार ज़ीरो टॉलरेन्स की नीति कहाँ है?

शालिनी श्रीवास्तव
हिलव्यू समाचार, जयपुर
एक तरफ राजस्व को बढ़ाने की बात भजन सरकार करती नज़र आती है।नियम क़ायदे कानून की बात करती है पर राजधानी में ही सबसे ज़्यादा बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का उल्लंघन किया जाता है। राजस्व को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जाता है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण जयपुर शहर के पॉश इलाके सी स्कीम सिविल लाइन जोन नगर निगम हैरीटेज में बन रही अवैध बिल्डिंग प्लॉट न.95-96।जिसका अवैध निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है।
बिना भू रूपांतरण,बिना प्लॉट पुनर्गठन के,ज़ीरो सेटबैक पर,रेजिडेंशियल में कमर्शियल निर्माणाधीन बिल्डिंग सिविल लाइन जोन के भ्रष्टाचार की कहानी सुना रही है और सिविल लाइन जोन के जेईएन सुदामा इसे जेडीए का मामला कहकर टालते नज़र आते हैं। सिविल लाइन जोन के उपायुक्त राकेश शर्मा से इस सम्बंध में मुलाक़ात अभी नहीं हो सकी जल्द ही उनके संज्ञान में मामला लाया जाएगा।
सिद्धार्थ बिल्डकॉम के शहर में लगभग 30 बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जो कि 50% फेल हैं और 50% अधरझूल में हैं इसके बावजूद निगमों का इस फ़र्ज़ी बिल्डर को सहयोग करना नोटिस जारी न करना कार्यवाही न करना बदस्तूर जारी है आखिर क्यों?

सिद्दार्थ बिल्डकॉम के इन्वेस्टर्स और फ्लैट बायर अपना सर धून रहे हैं लगातार चक्कर लगा रहे हैं सिद्धार्थ बिल्डकॉम के ऑफिस के लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं है आख़िर इन फ़र्ज़ी बिल्डर्स का ख़ुलासा कौन करेगा कौन बचाएगा आम जनता को इनके फ्रॉड से कि बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके ऐसे बिल्डर्स इन्वेस्टर्स और बायर दोनों को धोखा देते हैं मझदार में छोड़ देते हैं और इन्वेस्टर्स और बायर दोनों सर पकड़ कर रोते नज़र आते हैं।
हालांकि ग्रेटर व हैरीटेज के आयुक्त, उपायुक्त,निर्माण शाखा अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों को तेज़ी से हो रहे इस अवैध निर्माण कार्य और फर्जीवाड़े से कोई सरोकार या लेना-देना नहीं है क्योंकि उनकी ज़ेबें भर चुकीं होती हैं लाइजनिंग से इसीलिए वो निष्क्रिय और मौन बजुका बनकर सारा तमाशा चुपचाप देखते हैं।
जल्द ही स्थानीय विधायक गोपाल शर्मा व नव नियुक्त नगर निगम हैरीटेज आयुक्त अरुण कुमार हसीजा व नवनियुक्त मेयर कुसुम यादव से इस क्षेत्र में फैले अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर हिलव्यू समाचार टिप्पणी लेगा कि-
-भजन सरकार की भ्रष्टाचार ज़ीरो टॉलरेन्स की नीति कहाँ है?
-आख़िर सिविल लाइन जोन में अवैध निर्माणों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही?
-जेडीए के बहाने से निगम अधिकार क्षेत्र में आने वाले अवैध निर्माणों को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?*
-क्या वजह है कि सिविल लाइन जोन अतिक्रमण और अवैध निर्माणों पर कार्यवाही में सक्रिय नहीं है सुर्ख़ियों में नहीं है?




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