क्या मुख्यमंत्री भजनलाल जानते हैं गोनेर के जंगल में किसका है जंगलराज
वन विभाग की अनुमानित 28 जुलाई को वन-उत्सव में क्या गोनेर जायेंगे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
गोनेर की 570 बीघा वन विभाग और जेडीए की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा व अतिक्रमण आज भी क़ायम
वन उत्सव के आयोजन में जागे अधिकारी गोनेर के जंगलात में पहुँचे और मात्र एक अवैध दीवार तोड़कर की इतिश्री
जेडीए के विधिक विभाग में लगातार लिखित शिक़ायत पर बनी थी जाँच कमेटी
जाँच कमेटी की जाँच भी पड़ी है ठंडे बस्ते में
आख़िर क्यों गोनेर के जंगल में वन विभाग अवैध दीवार को हटाने में आज हु हुआ सक्रिय
अचानक से कैसे जागरूक हुआ वन विभाग इस अवैध अतिक्रमण को लेकर
हिलव्यू समाचार द्वारा पहले भी प्रमुखता से वन विभाग की ज़मीन पर किये गए कब्ज़े को उठाया गया था बार-बार जिसे हिलव्यू समाचार न्यूज़ यू ट्यूब चैनल पर फिर से देखा जा सकता है
हालांकि कुम्भकर्णी नींद से जागा वन विभाग पर मात्र एक अवैध दीवार को ढहा कर इतिश्री कर रहा वन विभाग…
शालिनी श्रीवास्तव
हिलव्यू समाचार, जयपुर।
वन संरक्षण आम जनता के साथ साथ सरकार की भी जिम्मेदारी है पर स्वयं वन विभाग ही बेसुध होकर पड़ा रहा पिछली सरकार में और वन विभाग की ज़मीन पर अवैध अतिक्रमण कर दीवार खड़ी कर दी गई जिसे वन विभाग द्वारा कल तोड़कर इतिश्री कर ली गई। गोनेर के खेड़ा जगन्नाथ के जंगलों में अवैध अतिक्रमण कर ग्रास फार्म हाउस बनाया गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुत्र वैभव गहलोत और पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी हिस्सेदार हैं। हालांकि गहलोत सलाहकार राजकुमार शर्मा नवलगढ़ विधायक इस अतिक्रमण और अवैध निर्माण के सूत्रधार हैं।
पूरा मामला गत वर्ष उजागर किया था हिलव्यू समाचार ने—
जयपुर के ग्राम गोनेर हल्का गोनेर तहसील सांगानेर में स्थित उनकी संपत्ति खसरा नम्बर 3383 की लगभग 30 बीघा ज़मीन पर कब्ज़े की आड़ लेकर वन विभाग व जेडीए की 570 बीघा ज़मीन पर भी दिन-दहाड़े कब्ज़ा कर एक अवैध हैरिटेज होटल का निर्माण लगातार जारी है।इस अवैध होटल ग्रास फार्म की अवैध बाउंड्रीवॉल में अनारकली की तरह चुन दिये गए हरे-भरे पेड़ के तने के रूप में जेडीए की बेबसी भी साफ दिखाई दे रही थी।हालांकि अब एक वर्ष के भीतर ये पेड़ हटाकर सीमेंट भर दिया गया है दीवार में।
एक RTI एक्टिविस्ट की शिकायत पर दिनाँक 19 जून 2023 को जेडीए विधि निदेशक द्वारा जाँच कमेटी गठित की गई।
इस जाँच कमेटी में गोनेर की महिला पटवारी ममता बेनीवाल और स्थानीय नागरिक पटवारी मदन सिंह कमेटी के साथ मौक़ा स्थल गोनेर ग्रास फार्म पर हिलव्यू समाचार की टीम ने भी मौक़े मुआयने को कवरेज़ किया था।
जब जाँच कमेटी और हिलव्यू समाचार की टीम मौके पर पहुंची तो जेडीए जाँच कमेटी भी गोनेर ग्रास फार्म के हरे-भरे कटे हुए पेड़ व जंगलात की ज़मीन पर कब्ज़े के सबूत देखकर हैरान रह गई । मौके पर कटे हुए सर वाले हरे-भरे पेड़ अपने ऊपर हुए जुल्मों व अपनी दुर्दशा की कहानी ख़ुद कह बयान रहे थे। जाँच कमेटी के विजिट की ख़बर से जल्दबाजी में हरे भरे पेड़ों को भी अनारकली की तरह दीवार में चुनवा दिया गया था। टीम आने की सूचना मिलने पर काटे हुए पेड़ों को भी आनन फानन में गड्ढों में वापस खड़ा कर लीपापोती करने की कोशिश तक की गई ।
हालांकि सूत्रानुसार जेडीए द्वारा इस हैरिटेज होटल की कोई अनुमति नहीं है न ही है कोई भू-रूपांतरण हुआ है। वहीं जंगलात की ज़मीन पर होटल का व्यवसायिक निर्माण कहीं ना कहीं जेडीए व वन विभाग अधिकारियों की मिलीभगत दर्शा रहा है ।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव की इसमें 50% हिस्सेदारी है वहीं बाकी जमीन में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे राजकुमार शर्मा की भी पार्टनरशिप हैं।
आसपास के ग्रामवासियों ने भी पुष्टि की है कि यहाँ जंगलात से गुज़रने के दो कच्चे रास्ते थे वह बन्द कर दिए हैं अब इधर ग्रामवासियों का आना भी लगभग बन्द हो गया है। वहीं गोनेर जाँच कमेटी ने भी माना कि पेड़ों की अवैध कटाई कर जेडीए व जंगलात की ज़मीन पर कब्ज़ा किया गया है । कमेटी ने भूमि सीमांकन,पेड़ों की कटाई व वन विभाग से अन्य जानकारी के लिए बिंदु भी अपनी रिपोर्ट में अंकित किये ।
हालाँकि जेडीए की सरकारी ज़मीन पर बन रहे अवैध होटल निर्माण पर जाँच कमेटी ने ध्यान नहीं दिया था न ही अवैध निर्माण को भीतर से जाकर मौक़ा मुआयना किया था लेकिन पुनः सीमांकन की बात रिपोर्ट में अंकित की गई है । कमेटी ने उक्त विषय में क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की आज तक फाइलों में बंद है।
हालांकि रिपोर्ट के बाद जेडीए व वन विभाग कोई भी कार्यवाही अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर न होना सारे मामले को अपने आप बड़े भ्रष्टाचार के रूप में प्रमाणित करता है।