एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने ‘नीर-निधि निर्माण’ लॉन्च करने के लिए पीएचईडी जयपुर के साथ की साझेदारी
वेस्ट वाटर मैनेजमेंट और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक पहल
जयपुर, 05 जुलाई 2024: देश के सबसे बड़े स्मॉल फाइनेंस बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने आज पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (पीएचईडी), जयपुर के सहयोग से नीर-निधि निर्माण पहल के उद्घाटन की घोषणा की है। यह वेस्ट वाटर मैनेजमेंट (अपशिष्ट जल प्रबंधन) और वृक्षारोपण के लिए इस पानी के फिर से उपयोग पर केंद्रित एक अग्रणी पहल है, जो पर्यावरण की स्थिरता और जल संरक्षण (वाटर कंजर्वेशन) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार में पीएचईडी और भूजल विभाग में कैबिनेट मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी के साथ उपस्थित थे एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के मार्केटिंग और सीएसआर के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, सौरभ तांबी; गवर्नमेंट बिजनेस और होलसेल डिपॉजिट्स के नेशनल बिजनेस हेड अरविंद पुरोहित।
नीर-निधि निर्माण छोटे पैमाने पर वेस्ट वाटर मैनेजमेंट की दिशा में एक कदम है, एक मॉडल जिसे सामुदायिक शिक्षा और क्षमता निर्माण के माध्यम से अन्य सरकारी परिसरों और घरेलू स्तरों पर रिप्लेस किए जाने के लिए डिजाइन किया गया है। वन महोत्सव सप्ताह के दौरान शुरू की गई इस परियोजना में प्रतिदिन 2000-3000 लीटर वेस्ट वाटर का रीसाइक्लिंग करने में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना शामिल है। इसके अलावा पीएचईडी कार्यालय परिसर में 776 पौधे लगाए गए हैं, जो साफ किए गए पानी से सींचे जाएंगे।
अभियान के शुभारंभ पर राजस्थान सरकार में पीएचईडी और भूजल विभाग में कैबिनेट मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों को बचाना जरूरी है। जहां पेड़ बचाए जाते हैं वहां प्रकृति सुरक्षित हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत हमने प्रदेश भर में जलदाय विभाग के सभी कार्यालयों, संस्थाओं, पंप हाउसों में एक ही दिन में एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जल दोहन, जल की बढ़ती मांग और भूजल के कम रिचार्ज होने के कारण राजस्थान के कई क्षेत्र डार्क जोन में सम्मिलित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सबसे बड़ा संकट जल का होगा और जल को बचाने के प्रयास हमें आज से करने होंगे।
एसोसिएशन के बारे में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ, संजय अग्रवाल ने कहा कि “एयू एसएफबी ईएसजी पहलों के लिए प्रतिबद्ध है। इस नेक काम के लिए पीएचईडी, जयपुर के साथ हमारा सहयोग पर्यावरण प्रबंधन और लंबे ससटेनेबल प्रैक्टिस के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है। नीर-निधि निर्माण के माध्यम से, हम स्टेकहोल्डर्स को ससटेनेबल जीवन शैली और जल संरक्षण के ‘4आर’ के लिए प्रेरित करना चाहते हैं जो हैं रीड्यूस, रीयूस, रीसायकल और रीप्लेनिश। यह पहल न सिर्फ वेस्ट वाटर की बर्बादी को काफी कम करेगी बल्कि ग्रीन स्पेस का निर्माण भी करेगी और इससे हमारे ग्रह की भलाई के लिए जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से साफ किए गए पानी को दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है और यह यह इस हद तक दूषित पदार्थों को हटाता है कि पानी पीने के अलावा अन्य कई जरूरी कामों में इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हो जाता है, जिससे जल संरक्षण को प्रभावी बनाने में मदद मिलती है।”
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक एयू ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ ईएसजी पहल और ग्राहक-केंद्रित समाधानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जारी रखे हुये है। यह इनोवेटिव उत्पाद विशेष रूप से महत्वपूर्ण ग्रीन प्रोजेक्ट, जैसे कि सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशन, में फंडिंग करता है और सक्रिय रूप से जलवायु को लेकर जरूरी पहलों का समर्थन करता है।