मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी नीति निगम कर रहे फेल
उपायुक्त युगान्तर शर्मा के लिए अवैध निर्माण 9A पर कोर्ट का स्टे बना मज़ाक
कोर्ट स्टे के बावजूद 9A श्यामाप्रसाद मुखर्जी मार्ग,सेवा सदन,बीस दुकान में अवैध निर्माण लगातार जारी
प्लॉट 9A पर निगम स्वीकृति के विपरीत अवैध कमर्शियल निर्माण कार्य हो रहा है। भवन नियम उपनियम के विरुद्ध लगातार अवैध निर्माण जारी है।
नीचे शोरूम्स बनाये गए हैं।
पाँचवी मंज़िल अवैध है और स्वीकृति से ज़्यादा अवैध यूनिट्स और अवैध पेंट हाउस बने हैं। पार्किंग भी नहीं है और अवैध बेसमेंट बना है। ज़ीरो सेटबैक पर बनी इस अवैध कमर्शियल इमारत को आदर्शनगर जोन नगर निगम हेरीटेज के अधिकारी युगांतर शर्मा और JEN मनीष लगातार सहयोग कर रहे हैं आख़िर क्यों?
आदर्शनगर जोन नगर निगम हेरीटेज कर रहा लगातार न्यायालय अवमानना और कोर्ट को कर रहा गुमराह लगातार तारीख़ें लेकर
आदर्शनगर जोन उपायुक्त युगान्तर शर्मा पर JMD कंस्ट्रक्शन के मालिक बिल्डर विनोद पारवानी और कैलाश आहूजा का भारी दबाव क्यों?
जयपुर मेट्रो प्रथम के अवकाशकालीन सिविल न्यायालय ने कोर्ट अवमानना पर 20 जून 2024 को तलब किया था नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर,JMD कंस्ट्रक्शन के मालिक बिल्डर विनोद पारवानी और कैलाश आहूजा को मगर तारीख़ पर तारीख़ लेकर बच रहे हैं कोर्ट अवमानना के ज़िम्मेदार बिल्डर और नगर निगम प्रतिनिधि व प्रशासन
कोर्ट ने 03 अप्रैल 2024 से ही भूखण्ड संख्या 9A श्यामाप्रसाद मुखर्जी मार्ग,सेवा सदन बीस दुकान को निर्माण यथास्थिति बनाये रखने का दिया था आदेश लेकिन आज भी वर्तमान में लगातार अवैध निर्माण जारी है प्लॉट 9A पर
आदर्शनगर जोन उपायुक्त युगान्तर शर्मा,जेईएन मनीष इस अवैध निर्माण को जानबूझकर अनदेखा कर रहे हैं ।JMD कंस्ट्रक्शन के मालिक बिल्डर विनोद पारवानी और कैलाश आहूजा द्वारा कोर्ट आदेश अवमानना पर कोई FIR दर्ज नहीं कर रहे इससे ज़ाहिर होता है कि बिल्डर से या तो साँठगाँठ और मिलीभगत हुई है आदर्शनगर जोन की या फिर किसी बात का दबाव है निगम अधिकारियों पर
सूत्रों के अनुसार पूर्व जेइएन विजेंद्र मीणा के साथ बिल्डर विनोद पारवानी के गहरे सम्बन्ध बताये जाते हैं जिससे पारवानी के कई अवैध निर्माण परवान चढ़ें हैं
विनोद पारवानी जेवी करके अपना प्रॉफिट लेकर प्रॉजेक्ट से अलग हो जाता है बाद में भूखण्ड मालिक और फ्लैट खरीददार अवैध इमारत की उलझनों में उलझ जाते हैं और क़ानूनी प्रक्रिया में फंस जाते हैं*
सबसे बड़ी बात क़ानूनी प्रक्रिया धीमी होने के कारण विनोद पारवानी जैसे बिल्डर्स के अवैध निर्माण पूर्ण हो जाते हैं और मासूम ग्राहक इस बात से अनभिज्ञ होकर फ्लैट खरीद लेते हैं और जब तक उन्हें अवैध निर्मित बिल्डिंग की क़ानूनी उलझनों का पता लगता है तब तक देर हो चुकी होती है उनका खून पसीने से कमाया पैसा उलझ चुका होता है
सूत्रों के आधार पर ही जानकारी है कि JMD कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक फ़र्ज़ी बिल्डर विनोद पारवानी शराब,शबाब और क़बाब से निगम अधिकारियों की पूर्ति करता रहता है। इसी के साथ-साथ देश-विदेश की मुफ़्त यात्राएँ करवाता है निगम अधिकारियों को और तो और ख़र्चा और मोटा पैसा निगम अधिकारियों की ज़ेब में रखता रहता है
यही दबाव और प्रभाव कारण है निगम अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही का
भजन सरकार ज़ीरो टोलरेंस भ्रष्टाचार कैसे कर सकेगी जबकि निगम के अधिकारी और कर्मचारी अवैध निर्माणकर्ताओं,अतिक्रमणकारियों और भूमाफियाओं से गहरे सम्बन्ध रखते हैं अपना ख़ज़ाना भरते हैं और निगम राजस्व का जमकर दुरुपयोग करते हैं राजस्व की चोरी करते हैं