हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों की मनमानी, मालवीयनगर जोन ग्रेटर निगम पर भारी
अवैध निर्माणकर्ता एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं
रामगली न.08,प्लॉट 12 का अवैध निर्माण राजस्थान हाईकोर्ट की गरिमा को कर रहा खंडित
क्या बिल्डिंग बायलॉज के नियम इन हाईकोर्ट के वकीलों पर नहीं होते हैं लागू
अवैध निर्माण में अब हाईकोर्ट एडवोकेट भी कर रहे बिल्डिंग बायलॉज का खुला उल्लंघन
क्या राजस्थान उच्च न्यायालय की गरिमा को खंडित नहीं करती अवैध निर्माण पर लगी हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया नेम प्लेट
क्या हाइकोर्ट के सीनियर एडवोकेट्स को बिल्डिंग बायलॉज के नियम तोड़ने का मिल गया है अधिकार
*रामगली न.08,प्लॉट 12 पर यह बानगी देखी जा सकती है। *
हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील होने का बोर्ड लगाकर मनमानी करने का इनडायरेक्ट लाइसेंस दिखा रहे अवैध निर्माणकर्ता एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
राजापार्क के मालवीयनगर जोन क्षेत्र में रामगली न. 08 प्लॉट न.12 कॉर्नर प्लॉट है।
मुख्य सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण कर मैटेरियल सड़क पर फैला रखा है। गार्ड रूम भी सड़क का कोना घेरकर बना लिया है।
बड़ी बड़ी क्रेशर मशीन और ट्रक दिन दहाड़े सड़क को जाम कर रहे हैं लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर क्योंकि उसे डर है वरिष्ठ वकील गोविंद घीया और साराँश घीया उनके अन्य भ्रष्टाचारों पर नोटिस जारी करवा सकते हैं जिसमें लाखों रुपया मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर ने खाया हुआ है।
इन राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों गोविंद घीया और साराँश घीया ने न मालवीयनगर जोन से निर्माण स्वीकृति ली है न ही नक्शा,लेआउट प्लान निगम से पास करवाया है।
ऐसे में मालवीय नगर जोन की कार्य प्रणाली तो समझ आ ही रही है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि गोविंद कुमार घीया एवं साराँश घीया वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान हाईकोर्ट का बोर्ड इस तरह लगाया है कि कोई शिकायत या किसी तरह की कार्यवाही न हो पाए।
क्या राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट्स को नियम क़ानून क़ायदे तोड़ने का अधिकार है। क्या बिल्डिंग बायलॉज के नियम इन एडवोकेट्स पर लागू नहीं।
अपनी वरिष्ठता का परिचय राजस्व की चोरी करके ये वरिष्ठ वकील इस तरह दे रहे हैं कि आम जन को न्याय दिलाने वाले ख़ुद नियमों का तो उल्लंघन कर ही रहे हैं और तो और ट्रैफ़िक और सफाई व्यवस्था को भी लगातार खुले आम प्रभावित कर रहे हैं।
आसपास का वातावरण व यातायात सड़क पर फैले मिट्टी,रेत,सरिये,बजरी के ट्रकों,गिट्टी क्रेशर से बाधित और प्रभावित हो रहा है लेकिन निगम ढेरों शिकायतों को दबाकर दुबक कर बैठा है कोई कार्यवाही नहीं कर रहा आख़िर क्यों?
क्या राजस्थान उच्च न्यायालय की गरिमा इससे खण्डित नहीं होगी कि न्याय की दहलीज़ पर ही अन्याय का खेल हो रहा है और अन्याय और सड़क अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वाले कोई और नहीं बल्कि राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्तागण हैं।
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