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सिंधी कॉलोनी C-24 का अवैध निर्माण आदर्शनगर जोन के भ्रष्टाचार का पुख़्ता प्रमाण

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सिंधी कॉलोनी C-24 का अवैध निर्माण आदर्शनगर जोन के भ्रष्टाचार का पुख़्ता प्रमाण

बिल्डिंग बायलॉज के नियमों के अंधेपन का नाम है आदर्श नगर जोन नगर निगम हैरिटेज

आदर्श नगर जोन, नगर निगम हैरिटेज बना अवैध निर्माणों का गढ़

शासन और प्रशासन दोनों मौन मूक दर्शक बनकर बैठे हैं

बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का धज्जियाँ उड़ाने में सिद्धस्त आदर्श नगर निगम जोन के बिल्डर

जोन डीसी नूर मोहम्मद और एईएन विजेंद्र मीणा संग राजस्व अधिकारी खा रहे है मोटी रक़म बिल्डर्स से और बिल्डर्स को अवैध निर्माण में दे रहे है पूर्ण सहयोग

शालिनी श्रीवास्तव
हिलव्यू समाचार, जयपुर ।
C-24 सिंधी कॉलोनी आदर्शनगर जोन नगर निगम के मालिक दिशांत नागपाल ने न भवन निर्माण की स्वीकृति ली और न ही भू रूपांतरण करवाया इसी के साथ न ही साइट पर कोई नक्शा,ले-आउट प्लान का होर्डिंग चस्पा किया है।
मन्ज़िल दर मन्ज़िल चढ़ाते हुए समस्त प्रकार के बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को ताक पर रख दिया है और आचार संहिता में तो बहुत तेज़ी से काम करवाया है । आदर्श नगर विधानसभा से बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले रवि नैय्यर का हवाला देते हुए कहते है कि कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है मेरा सब सेटिंग कर रखी है । आश्चर्य की बात है कि रवि नैय्यर अवैध निर्माणों के मसीहा बने हुए हैं।
अब नई बात सामने आने लगी है कि रवि नैय्यर जी के रहते कोई निगम कुछ नहीं बिगाड़ सकता!
इधर पूर्व में पड़ौसी द्वारा ऑब्जेक्शन उठाने पर जब कुछ महीने काम बंद रहा तो पड़ौसी को 25-30 लाख रुपये देकर चुप करवाया और एक फ्लैट कम क़ीमत में उपलब्ध करवाने की लिखापड़ी कर ली उसके बाद बेधड़क होकर निर्माण कार्य को बड़े जोर शोर से पूरा करवाने में लगे हुए हैं।
पूरी सड़क को बिल्डिंग मेटेरियल से घेर रखा है जिसकी वजह से आवागमन में दिक़्क़त तो हो ही रही है इसके साथ साथ दुर्घटना घटित होने की पूरी पूरी सम्भावना बनी रहती है।
जब एक सामान्य व्यक्ति घर बनाता है तो नगर निगम आकर उसका चालान काट देता है कि सड़क पर निर्माण सामग्री क्यों डाल रखी है वहीं दूसरी और ये बिल्डर जब बिना परमिशन राजस्व को चूना लगाकर और साथ ही इनकम टैक्स विभाग की आँखों में धूल झौंककर मोटी काली कमाई हड़प कर जाते है तो शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली और रीति-नीति पर कई सवाल खड़े हो जाते हैं कि इतना सब कुछ होने पर भी इन अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों के विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यों होती?
निगम के भ्रष्ट अधिकारी,इंजीनियर,कर्मचारी, राजस्व अधिकारी को भी ये बिल्डर अपने काले गुनाहों में शामिल कर लेते हैं।
अब देखना ये है कि बीजेपी की सरकार बिल्डिंग बायॉलज के नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही करेगी और पालन करवाएगी या स्वयं इन अवैध निर्माणों की कांग्रेस की तरह पालनहार बन जाएगी?




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