A-53 तिलकनगर के अवैध पेंट हाउस कब होंगे सीज
शांतिपथ तिलकनगर प्लॉट न. A-53 में 02 पेंटहाउस का अवैध निर्माण और कार्यवाही शून्य क्यों?
हाईकोर्ट के वकील हैं इन्वेस्टर्स और खरीददार
नियम नीति क़ानून के रखवाले ख़ुद कर रहे बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन
नोटिस देने के बाद मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर ने अब तक क्यों नहीं की है पेंट हाउस पर सीजर की कार्यवाही
निगम स्वीकृति के विपरीत लगातार कैसे बनकर खड़े हो गए 02 पेंट हाउस प्लॉट न. A-53
सूत्रों की मानें तो नगर निगम ग्रेटर अधिकारियों से है हुई है बड़ी डील मिलीभगत और साँठगाँठ
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
अनेक विवादों में घिरी बिल्डिंग शान्ति पथ प्लॉट न.A-53 निगम स्वीकृति के विपरीत बहुमंज़िला बनकर तो खड़ी हो ही गयी मगर सम्बन्धित नगर निगम ग्रेटर मालवीयनगर जोन ने स्वीकृति के विपरीत होने वाले पेंट हाउस के अवैध निर्माण पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की है?
एक नोटिस नगर निगम मालवीय नगर जोन ने जारी कर दिया लेकिन उसके बाद भी किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नगर निगम मालवीय नगर जोन की ओर से A-53 के अवैध टेंट हाउस पर होती हुई नजर नहीं आ रही है।
JEN प्रदीप फील्ड में जाते हैं या फील्ड से फुलफिल होकर आते हैं कि उन्हें बहुमंज़िला इमारतें अवैध बनती हुईं नज़र नहीं आतीं और तो और बेसमेंट्स की परमिशन देने के बाद उसमें होने वाली एक्टिविटी पर इनकी कोई नज़र नहीं होती बेसमेंट्स में सर्वेंट्स और गार्ड रहते हैं जो गैस सिलेंडर का उपयोग करते हैं जो एक बड़ी दुर्घटना का आमंत्रण तो है कि बहुमंज़िला इमारत में रहने वाले लोगों की जानमाल को भी ख़तरा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि A-53 बिल्डिंग में 02 अवैध पेंट हाउस बनाये गए हैं और निगम ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
चौंकाने वाली बात यह है कि हाईकोर्ट के वकील इसमें इन्वेस्टर्स और खरीददार हैं।
हालांकि नगर निगम की मिलीभगत और शैय के बिना कोई एक ईंट भी अवैध निर्माण नहीं कर सकता तो ऐसे में सन्देह की सुईयाँ मालवीयनगर जोन नगर निगम ग्रेटर के प्रबंधन और कार्यप्रणाली ओर उठती नज़र आती है।
ऐसे में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह की अवैध निर्माणों को लेकर सख़्ती और भजन सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार की नीति खोखली नज़र आती हैं।
A-53 के अवैध पेंट हाउस का ध्वस्तीकरण बेहद ज़रूरी है ताकि आगे बिल्डर्स के लिए मिसाल खड़ी हो सके कि अवैध निर्माण,अतिक्रमण और बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।