कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर हुआ त्रिपक्षीय एमओयू
विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में विमानन क्षेत्र अहम
कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का कार्य होगा समय पर पूर्ण
आमजन को मिलेगी अत्याधुनिक हवाई सुविधा, पर्यटन को लगेंगे पंख
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
- हवाई सुविधाओं के विस्तार का संकल्प सिद्धि की ओर अग्रसर
जयपुर, 19 जुलाई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आमजन को अत्याधुनिक हवाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के क्रम में कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मील का पत्थर साबित होगा। इसके निर्माण से प्रदेश में ना केवल पर्यटन को गति मिलेगी अपितु शिक्षा एवं व्यापारिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में विमानन क्षेत्र का विकास अहम है।
श्री शर्मा शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विकास को लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग एवं नागरिक उड्डयन विभाग के मध्य हुए त्रिपक्षीय एमओयू पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस गति से सड़क एवं रेल मार्ग का विस्तार हो रहा है, उसी स्केल पर हवाई क्षेत्र पर फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं उद्योगों की नगरी कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से हाडौती अंचल के लाखों निवासियों को हवाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। हमारी सरकार के संकल्प की सिद्वि में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल की क्षमता का भी विस्तार किया जा रहा है। वर्तमान में इसकी क्षमता 50 लाख यात्री प्रतिवर्ष है जो विस्तार के बाद बढ़कर 70 लाख प्रतिवर्ष हो जाएगी। उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष से आग्रह किया कि जयपुर एयरपोर्ट पर नए स्टेट टर्मिनल के लिए शीघ्र कार्य शुरू करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उदयपुर हवाई अड्डे के विकास और विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) हवाई अड्डे पर स्थायी सिविल एन्क्लेव एवं अप्रोच रोड के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी।
राज्य सरकार देगी निःशुल्क भूमि, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करेगा निर्माण और संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवाएगी। वहीं ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण, विकास एवं संचालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को एयरपोर्ट के सर्वे की अनुमति दे दी है। साथ ही, एयरपोर्ट की प्रस्तावित भूमि में से पीजीसीआईएल (पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) की 400 केवी की हाइटेंशन लाइन शिफ्ट करने की आवश्यक कार्यवाही हो चुकी है और इसके लिए राशि भी उपलब्ध करा दी जाएगी।
एयरपोर्ट के निकट क्षेत्र का हो सुनियोजित विकास
मुख्यमंत्री ने कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रस्तावित एयरपोर्ट के आस-पास सुनियोजित विकास का रोडमैप तैयार करें। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के आस-पास की जमीन को अधिग्रहण या लैंड पूलिंग एक्ट के माध्यम से नियोजित कर क्षेत्र के विकास की कार्यवाही सम्पादित की जाए।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विमानन क्षेत्र का हो रहा निरंतर विस्तार
श्री शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के विमानन क्षेत्र में तीव्र गति से विकास हो रहा है। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने भी कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए विशेष प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए नकारात्मक रवैया रहा जिसके कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई। लेकिन अब हमारी सरकार इस एयरपोर्ट का कार्य समय पर पूरा करते हुए इसे जनता को समर्पित करेगी।
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की डीपीआर हो रही तैयार
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार ने बताया कि कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसके बाद टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण 440.086 हैक्टेयर भूमि पर किया जाएगा। कोटा विकास प्राधिकरण की परिधि सीमा मेें यह भूमि राजस्व ग्राम तुलसी, कैथुदा, बालापुरा एवं देवरिया, जिला बूंदी में स्थित है। इसमें से 406.678 हैक्टेयर वन भूमि एवं 33.408 हैक्टेयर गैर वन भूमि कोटा विकास प्राधिकरण के स्वामित्व की है।
इस अवसर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन श्री शिखर अग्रवाल एवं नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए।