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क्या आप MNIT मालवीयनगर जयपुर में अपने बच्चे का एडमिशन कराने जा रहे हैं तो रुकिए

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क्या आप MNIT मालवीयनगर जयपुर में अपने बच्चे का एडमिशन कराने जा रहे हैं तो रुकिए

चरस,गाँजा,शराब में डूब रहा MNIT कॉलेज का युवा

शासन प्रशासन व MNIT कॉलेज मालवीयनगर जयपुर प्रबंधन सुस्त

देश का भविष्य MNIT कॉलेज का युवा गिर रहा नशे के नाले में

MNIT कॉलेज के बाहर एक अवैध थड़ी का संचालन जिसमें सभी तरह के नशे सप्लाई होते हैं

जी हाँ! मालवीय नगर कैलगिरी रोड़ MNIT कॉलेज परिसर के बाहर लगी अवैध लावारिस थड़ी में खुलेआम बिक रहा नशा

मंगल नामक नशा सप्लायर ने MNIT कॉलेज के प्रबंधन को ही नहीं बल्कि निगम, थाना,कचहरी सबको किया हुआ है फेल।

MNIT के प्रबंधन में कुछ फैकल्टी और राह भटके हुए छात्र गिरोह है पूरे फ़साद की जड़।

खुलेआम चरस, गाँजा, व शराब सप्लाई कर रहे छात्र गिरोह और MNIT प्रबन्धन और पुलिस प्रशासन ने मूँद रखी हैं आँखें

पुलिस नशा सप्लायर को पकड़ती है पाबंद करके छूट जाता है। MNIT कॉलेज के डीन से लेकर फ़ैकल्टी तक नशा गैंग के बारे में जानती है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती आख़िर क्यों?

शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
“जहाँ एक ओर कोटा कोचिंग के स्टूडेंट्स की लगातार दिल दहला देने वाली आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं।जिसकी वजह भले ही पढ़ाई का प्रेशर या अवसाद बताया जा रहा है लेकिन संगत और आसपास के वातावरण को अभी तक शासन-प्रशासन ने नहीं खंगाला है। वहीं दूसरी ओर जयपुर के मालवीय नगर इलाके में कैलगिरी रोड़ पर स्थित (MNIT) मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज(मालवीय राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान) स्थित है। देश के चुनिंदा कॉलेज में अपना नाम दर्ज करने वाला कॉलेज आज नशे का अड्डा बन रहा है और कॉलेज के डीन,प्रबन्धक, फैकल्टी यहाँ तक कि देखरेख और सुरक्षा गार्ड व अन्य स्टॉफ भी वाक़िफ़ है MNIT में फलते-फूलते नशा फ़रोख़्त के इस अवैध धंधे से लेकिन कोई इसके विरुद्ध काम नहीं कर रहा।
बल्कि कॉलेज के कुछ पास आउट छात्र जो आज भी कॉलेज हॉस्टल कैंपस में रह रहे हैं और कॉलेज के कुछ फ़ैकल्टी इसमें लिप्त हैं। जल्द ही उनके नाम भी उजागर करेगा हिलव्यू समाचार।

नगर निगम ग्रेटर मालवीयनगर जोन की उपायुक्त अर्शदीप बरार व पूर्व थाना एसएचओ मालवीयनगर के अतिरिक्त ऊपर तक आला अधिकारियों में पूरा मामला संज्ञान में रहा है लेकिन शासन प्रशासन की लचरता इस मामले की गंभीरता नहीं समझ रही है। छः माह की पाबन्दी या कुछ घण्टों के लिए नशा ले रहे छात्रों को थाने में ले जाकर बैठा लेना इसका समाधान नहीं।
सूत्रों की माने तो स्थानीय विधायक कालीचरण सर्राफ़ का भी इसमें सहयोग बताया गया है जिससे कड़ी कार्यवाही नहीं हो पा रही।
जल्द ही स्थानीय विधायक कालीचरण सर्राफ़ सहित कॉलेज के डीन,फैकल्टी, ग्रेटर निगम आयुक्त व उपायुक्त ,थाना SHO व पुलिस कमिश्नर से हिलव्यू समाचार की टीम सम्पर्क करेगी और जानेगी इन नशे में डूबे बदतर हालातों के बेख़ौफ़ बढ़ते क़दमों के बारे में कि आख़िर गम्भीर नशाखोरी का यह मामला संज्ञान में होने के बावजूद वे निष्क्रिय और ख़ामोश क्यों हैं इस मामले में?




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