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ख़बर का असर :रामगली न.08 प्लॉट न.07 पर निगम ने जारी किया नोटिस

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ख़बर का असर :रामगली न.08 प्लॉट न.07 पर निगम ने जारी किया नोटिस

क्या मालवीयनगर जोन ग्रेटर को किसी मज़दूर की मौत का इंतज़ार है?

रामगली न.08 प्लॉट न.07 का अवैध निर्माण कब होगा सीज?

एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और यही अवैध निर्माणकर्ता हैं इस इमारत के

बिल्डिंग बायलॉज के नियम का उल्लंघन अब हाईकोर्ट एडवोकेट भी कर रहे हैं।

क्या राजस्थान उच्च न्यायालय की गरिमा को खंडित नहीं करती अवैध निर्माण पर लगी हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया नेम प्लेट

निगम प्रशासन पर उठ रहे सवाल कि नोटिस के बाद भी अवैध निर्माण लगातार जारी

कब होगा प्लॉट न.07 अवैध निर्माण का सीज और ध्वस्त

क्या हाइकोर्ट के सीनियर एडवोकेट्स को बिल्डिंग बायलॉज के नियम तोड़ने का मिल गया है अधिकार?

हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील होने का बोर्ड लगाकर मनमानी करने का इनडायरेक्ट लाइसेंस दिखा रहे हैं  अवैध निर्माणकर्ता  एडवोकेट गोविंद कुमार घीया एवं एडवोकेट साराँश घीया?

शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
राजापार्क के मालवीयनगर जोन क्षेत्र में रामगली न. 08 प्लॉट न.07 कॉर्नर प्लॉट है।
मुख्य सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण कर मैटेरियल सड़क पर फैला रखा है। गार्ड रूम भी सड़क का कोना घेरकर बना लिया है। हरे-भरे पेड़ काटकर ज़मीन पर फैंक दिए हैं। बड़ी बड़ी क्रेशर मशीन और ट्रक दिन दहाड़े सड़क को जाम कर रहे हैं। हिलव्यू समाचार ने लगातार इस खबर को प्रकाशित किया है और साथ-साथ अखबार में इस अवैध निर्माण को और राजस्थान हाईकोर्ट के वकीलों द्वारा मनमानी को लगातार उजागर किया है उसी का असर देखने को मिला है कि मालवीय नगर जोन नगर निगम ग्रेटर ने प्लाट नंबर 7 रामगली नंबर 8 को अब नोटिस जारी कर दिया है इस नोटिस के पश्चात सीजर की कार्रवाई होती है या नहीं है देखने वाली बात होगी और दूसरी बात जीरो सेटबैक पर बनी यह बिल्डिंग सड़क को अतिक्रमण कर रही है इस पर नगर निगम ग्रेटर मालवीय नगर जोन आगे क्या कार्रवाई करेगा यह भी देखने वाली बात होगी अगर किसी भी तरह से बिल्डिंग सीजर के बाद खुल जाती है या यह कहे की नोटिस के बाद सीजर होती है और सीजर के बाद खुल जाती है तो यह बड़ी बात होगी कि आखिरकार इस बिल्डिंग को किस तरह से सीजर से खोला गया और किस तरह से इस बिल्डिंग पर निर्माण आज भी जारी है क्योंकि अवैध निर्माण जीरो सेटबैक पर हुआ है और आसपास के मकानों से सटाकर बनाया जा रहा है।सड़क पर अतिक्रमण फैला पड़ा है इसी के साथ-साथ निर्माण सामग्री सड़क पर फैली हुई पड़ी है
निगम ने क्या चार्ज लगाए हैं उसमें क्या चालान काटा गया है इसी के साथ-साथ निर्माण स्वीकृति और उसी के साथ कमर्शियल स्वीकृति ली गयी है अथवा नहीं क्योंकि आवासीय भूखंड है और नीचे शोरूम बनाने की तैयारी है इस आधार पर मालवीय नगर जोन नगर निगम ग्रेटर की उपायुक्त अर्शदीप बरार नोटिस के बाद आखिर क्या कार्रवाई करेंगीं आगे यह देखने वाली बात होगी ।
अभी फिलहाल तो बिल्डिंग को नोटिस जारी कर दिया गया है। राजस्थान  हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील गोविंद घीया और साराँश घीया ने न ही मालवीयनगर जोन से निर्माण स्वीकृति ली है न ही नक्शा,लेआउट प्लान निगम से पास करवाया है।क्या राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट्स को नियम क़ानून क़ायदे तोड़ने का अधिकार है। क्या बिल्डिंग बायलॉज के नियम इन एडवोकेट्स पर लागू नहीं।
अपनी वरिष्ठता का परिचय राजस्व की चोरी करके ये वरिष्ठ वकील इस तरह दे रहे हैं कि आम जन को न्याय दिलाने वाले ख़ुद नियमों का तो उल्लंघन कर ही रहे हैं और तो और ट्रैफ़िक और सफाई व्यवस्था को भी लगातार खुले आम प्रभावित कर रहे हैं।
आसपास का वातावरण व यातायात सड़क पर फैले मिट्टी,रेत,सरिये,बजरी के ट्रकों,गिट्टी क्रेशर से बाधित और प्रभावित हो रहा है।

क्या राजस्थान उच्च न्यायालय की गरिमा इससे खण्डित नहीं होगी कि न्याय की दहलीज़ पर ही अन्याय का खेल हो रहा है और अन्याय और सड़क अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वाले कोई और नहीं बल्कि राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्तागण हैं।

क्या निगम के नियम आम आदमी के लिए हैं इन बड़े रसूखदारों के लिए नहीं?

नगर निगम ग्रेटर की आयुक्त रुक्मणी रियाड़ सख़्त क्यों नहीं अवैध निर्माणों पर?

निगम की उपायुक्त अर्शदीप बरार ने अभी पिछले दो माह में केवल नोटिस जारी किए नोटिस समय सीमा ख़त्म होने के बाद न सीजर किया न ही अवैध निर्माणों पर बुलडोज़र चलाया है। आख़िर क्यों कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं उपायुक्त अर्शदीप बरार?

लगातार आम आदमी और मीडिया निगम को अवैध निर्माणों के लिए सूचित कर रहा है लेकिन कोई हलचल मालवीयनगर जोन में कार्यवाही के नाम पर नहीं हो रहीं?

नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रुक्मणी रियाड़ की कार्यप्रणाली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को प्राथमिकता क्यों नहीं जबकि राजस्व की बडी हानि और स्वच्छता को सबसे ज़्यादा प्रभावित ये अवैध निर्माण और सड़क पर फैली इनकी सामग्री ही कर रहे हैं। यातायात प्रभावित कर रहे हैं?

मिलीभगत और साँठगाँठ तो अपनी जगह है लेकिन क्या अवैध निर्माणों पर कार्यवाही की तीव्रता के लिए किशनपोल जोन की तरह अवैध निर्माण से किसी मज़दूर की मौत का इंतज़ार कर रहा है मालवीयनगर जोन?




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