ख़बर-बेख़बर : धार्मिक और पारिवारिक यात्राओं के ख़र्चे में बिक रहे सरकारी अफ़सर
सरकार में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों को धार्मिक यात्राएँ कौन करवाता है?
देश-विदेश में महंगे होटल,गोवा बीच,बैंकॉक की अय्याशी और बार बाला में उलझाकर आँख नाक कान काट रहा आदर्शनगर का शातिर बिल्डर ।सौ पाप करके भी मासूम बने रहते है निगम के कुछ भ्रष्ट अधिकारी मात्र सरकार को ही नहीं बल्कि भगवान और अपने परिवार को भी धोखा देते हैं ये भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी।
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
रिश्वत,मिलीभगत, साँठगाँठ के अलावा पारिवारिक मनोरंजनात्मक देश विदेश यात्राएँ यहाँ तक कि धार्मिक यात्रायें वैष्णव देवी,केदारनाथ,भारत दर्शन के पैकेज ये भूमाफिया और बिल्डर्स देते हैं स्तर के हिसाब से निगम अधिकारियों व कर्मचारियों को।सिर्फ़ अधिकारी ही नहीं बल्कि अधिकारी के परिवार के सदस्यों तक को ओब्लाइज कर अवैध निर्माणों को पूरा किया जाता है।
बिल्डिंग बायलॉज के नियम कानूनी किताब से नहीं बल्कि लाइजनिंग से चलते हैं और शहर का सौन्दर्य इन भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ रहा है।
नियम क़ायदे कानून सिर्फ़ किताबों में बन्द होकर रह गए है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यूँ तो सभी जगह देखने को मिलता है पर आदर्श नगर जोन और मालवीय नगर जोन में पूर्ण स्पष्ट रूप से देखने को मिलता आ रहा है।
बिना परमिशन ज़ीरो सेटबैक,बिना भूमि पुनर्गठन शुल्क जमा करवाये ,बिना रेजिडेंशियल को कॉमर्शियल भू-रूपांतरण करवाये,अवैध बैसमेंट्स, अवैध पेंट हाउस और अवैध शोरूम्स के अवैध निर्माण बढ़ते जा रहे है क्योंकि जिन्हें पाबंदी लगानी चाहिए वो तमाम अधिकारी या कर्मचारी बिल्डर से इतने ओब्लाइज हुए हैं कि उन्हें अपनी आँखों को बंद नहीं बल्कि अंधा बनाना पड़ता है।
आइए सुनाते है एक कहानी एक ऐसे ही बिल्डर की जो बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम में जितना दिमाग लगाता है उससे ज़्यादा दिमाग वो नगर निगम, जेडीए और डी एल बी के अधिकारियों और कर्मचारियों की आवभगत में लगाता है या यूँ कहे कि तमाम प्रशासन को किस तरह से अपने प्रभाव या कब्ज़े में लेना ताकि उसके द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माणों पर कोई आंच नहीं आये वो भली भाँति जानता है।
शराब शबाब और क़बाब का मॉकटेल बनाने में तो पारंगत है ही उसके अलावा गर्मी की छुट्टियां हो या सर्दी की छुट्टियाँ या बिना छुट्टियों के भी फैमिली टूर पर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भेजने का हुनर भी जानता है । यह बिल्डर कभी भी वास्तविक रूप में नियम क़ायदे कानून के अनुरुप कार्य नहीं करता है क्योंकि इस बिल्डर का कहना है की जब निगम जेडीए मेरी जेब में है तो किस बात का डर और किस बात की परमिशन ?
अगर गौर करे तो आदर्शनगर जोन नगर निगम हैरीटेज में बहुतायात में बिल्डिंगों का निर्माण इस बिल्डर द्वारा जारी है । आप किसी भी गली में चले जाये हर गली में इस बिल्डर के द्वारा बिना परमिशन के ज़ीरोसेट बैक पर बिना भू रूपांतरण करवाये रेजिडेंशियल में कॉमर्शियल निर्माण आपको दिख जाएंगे।
यह बिल्डर जुआँ खेलने का बड़ा शौकीन है और मज़े की बात यह है कि जुआँ खेलने के लिए जगह भी ऐसी चुनी हुई है जहाँ माँ सरस्वती का स्थल पास में ही है इस बिल्डर को साधुवाद!
जब भी यह बिल्डर जॉइंट वेंचर में अवैध निर्माण कार्य करता है या स्वयं निर्माण कार्य करता है तो उस से पहले अधिकारी और कर्मचारी से मिलकर उसका मिज़ाज जानकर वो पत्ता फैंकता है जिस चाल में सामने वाला व्यक्ति फँस जाता है और उसके अनुरुप काम करने पर मज़बूर हो जाता है और इस तरह से सरकारी राजस्व की खुले आम चोरी होती है और नगर निगम का खज़ाना खाली रहता है और सरकारी संस्थाएँ सिर्फ़ एक भद्दा मज़ाक बन कर रह जाती है। ऐसे कृत्यों से नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आम जनता के समक्ष छवि भ्रष्ट और लालची व्यक्ति की बन जाती है और यह बिल्डर अपना काम निकलवाने के लिए अलग अलग तरह के हथकंडे अपनाता रहता है आख़िरकार निगम के अधिकारी इतने बेगैरत कैसे हो सकते है कि एक बिल्डर अपनी अंगुलियों के इशारे पर नचाता है और ये कठपुतली की तरह नाचते हैं।