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शराब शबाब और कबाब के बदले अवैध निर्माण,अवैध धंधे और अतिक्रमण

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शराब शबाब और कबाब के बदले अवैध निर्माण,अवैध धंधे और अतिक्रमण

कुछ बिल्डर्स ने कुछ फ्लैट्स में चला रखा है शराब,शबाब और कबाब का गोरखधंधा

सप्लायर्स भी हैं शराब शबाब और क़बाब के।

इनके बदले में डील होती हैं करोड़ों की

अपने ईमान और कर्तव्य को एक बोतल, एक मॉडल और एक माँस के टुकड़े में बेच रहे हैं कुछ अधिकारी और उनका ईमान और कर्तव्य गिरवी रख रहे हैं कुछ माफ़िया बिल्डर

शालिनी श्रीवास्तव/कुलदीप गुप्ता
जयपुर हिलव्यू समाचार।
क़ानून सबके लिये बराबर है, यही दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है। क़ानून तो मकड़ी का वो जाला है जिसमे हल्के फुल्के मासूम जानवर फँस कर दम तोड़ जाते हैं मगर बड़े जानवर इसे फाड़ कर बाहर आ ही जाते हैं
इसका ताजा उदाहरण अवैध निर्माणों और लावारिस व सरकारी संपत्तियों के अतिक्रमणों के मामलों में देखने को मिल रहा है आदर्श नगर जोन और मालवीय नगर जोन में।
आइए सुनाते हैं बिल्डिंग बायलॉज के नियमों की अनसुनी कहानी
साम दाम दण्ड भेद कहें या शराब शबाब और क़बाब की महफ़िल जिसे कुछ बिल्डर जोर शोर से चला रहे हैं।
चाहे कितने भी अवैध निर्माण बिना परमिशन के करें कोई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि उन्होंने एक ऐसा मकड़जाल बना रखा है जिसमें  उच्च स्तर के अधिकारियों से लेकर आरओ एईएन जेईएन,गजधर तक सबको फाँस लिया गया है जो सरकारी नौकरी में रहते हुए सरकार की ही जड़ों को काट रहे हैं।सरकारी ख़ज़ाने को खाली करने में ये भ्रष्ट अफसर और भ्रष्ट कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है । ये भ्रष्ट अधिकारी आम नागरिक पर सारे नियम क़ायदे कानून की झड़ी लगा देते हैं और उसे इतना डरा धमका देते है कि आम आदमी स्वयं के सपनों का घर बनाने से पहले हज़ार बार सोचता है और हर क़दम फूँक-फूँक कर रखता है ।
      आइए सुनाते है एक कहानी एक ऐसे बिल्डर की जिसने लम्बे समय से अपने शातिर दिमाग से बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का मज़ाक बना रखा है और निगम में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक को कठपुतली बना रखा है क्योंकि यह बिल्डर शराब, शबाब और क़बाब तीनों के मॉकटेल का ऐसा ड्रिंक बनाकर पिलाता है कि सब इसकी हाँ में हाँ मिलाने लगते हैं और जब कभी यह मॉकटेल ड्रिंक काम नहीं करता है तो 2-3 IAS से अपने व्यक्तिगत रिलेशन दिखाकर उनके नाम का प्रभाव जमाकर, काम करवाता है।
सबसे बड़ी बात है कि उसने इसी मकड़जाल में कुछ मोटे आसामी फँसा लिए हैं जो वक़्त ज़रूरत पर मज़बूरिवश इसकी ढाल बनकर खड़े हो रहे हैं।
यह बिल्डर जब भी किसी प्लाट पर स्वयं निर्माण कार्य शुरू करता है या किसी के साथ जॉइंट वेंचर करता है या किसी भी थर्ड पार्टी के प्लॉट का कंस्ट्रक्शन का काम हाथ में लेकर शुरू करता है तो निगम से निर्माण कार्य की परमिशन नहीं लेता है और ग़लती से कभी परमिशन ले लेता है तो कागज़ में परमिशन कुछ और होती है और वास्तविकता में निर्माण कुछ और होता है । रेजिडेंशियल में कॉमर्शियल निर्माण बडी तीव्र गति से होता है जिसमें न भू रूपांतरण करवाया जाता है और न कोई भूमि पुनर्गठन शुल्क जमा करवाया जाता है कुल मिलाकर सरकारी राजस्व की जमकर चोरी जिसमें स्वयं सरकारी अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक शामिल होते है और इस से भी बड़ी बात यह की इस बिल्डर की फाइल कभी भी निगम  कार्यालय में नहीं मिलती है जब कभी भी सूचना के अधिकार के तहत सूचना उपलब्ध करवाने की बात कही जाती है तो निगम द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जाता है क्योंकि निगम का आधा महकमा इसके जाल में फँसा हुआ है। निगम कुम्भकर्णी नींद सो जाता है इसके मामले में। ज़ीरो सेटबैक पर निर्माण धड़ाधड़ जारी रहता चाहे सड़क 20 फ़ीट की ही क्यों न हो…
निर्माण सामग्री सड़क पर जमकर फैली हुई होती है आवागमन के रास्ते अवरुद्ध हो जाये कोई फर्क नहीं पड़ता है जबकि एक आम आदमी ज़रा सी भी निर्माण सामग्री सड़क पर फैला देता है ग़लती से तो उसका चालान काट दिया जाता है जबकि इस बिल्डर का कोई चालान नहीं काटा जाता है । सरकारी अधिकारियों का ज़मीर इतना गिर जाता है कि सरकारी खज़ाना भरने की जगह स्वयं के बैंक बैलेंस को भरने में लगे रहते है और इस बिल्डर के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप में समाज में निगम की छवि को एक बौना साबित कर दिया गया है।
  नगर निगम को ज़ेब में रखकर घूमने का दावा करने वाला यह शख्स लगभग 45-50 वर्ष की उम्र का है लेकिन उम्रदराज़ अफसरों से लेकर युवा अफसर तक इसके मकड़जाल में इस तरह फँस गए हैं कि कोई प्रतिक्रिया इसके द्वारा किये गए अवैध निर्माणों,अवैध धंधों व अतिक्रमणों पर नहीं दे पाते कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है। निगम और जेडीए के आला अधिकारी इस तरह के बिल्डर्स के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं और  मौन मूक दर्शक बनकर सबकुछ देख रहे हैं।
जिस तरह से भजन सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। अतिक्रमण और अवैध धंधों पर शिकंजा कस रही है उसी तरह प्रॉस्टिट्यूट का धन्धा,बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की आड़ में अवैध काम करने  वाले सो कॉल्ड बिल्डर्स पर भी कार्यवाही करे।
जल्द ही पूरे सबूतों के साथ बेनक़ाब करेंगे हम इन बदमाश प्रवृति के सो कॉल्ड बिल्डर्स या अवैध निर्माणकर्ताओं,अतिक्रमणकारियों को।




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