आन्दोलन समाज को बेहतर बनाने की सतत प्रक्रिया है
जयपुर
शनिवार, 9 मार्च को कला मंज़र संस्था व सुबोध पी.जी.(ऑटोनोमस)कॉलेज,रामबाग सर्किल के संयुक्त तत्वावधान में महिला दिवस के उपलक्ष में अपराजिता टॉक शॉ का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय था महिला आंदोलन की प्रणेता महिलाएं। विभिन्न क्षेत्रो की वरिष्ठ व युवा कार्यकर्ता महिलाओं के साथ ही कॉलेज के छात्र छात्राओं ने भी टॉक शॉ में बढ़ चढ़ के भाग लिया और प्रश्न किये। कॉलेज की व्याख्याता नेहा पारीक ने आयोजन की शुरुआत की और कॉलेज़ का संक्षिप्त परिचय दिया और संस्था की फाउंडर मीनाक्षी माथुर ने संस्था का परिचय देते हुए टॉक शॉ के उद्देश्य बताए साथ ही संस्था की अध्यक्ष शोभा सक्सेना और अरुण सक्सेना व प्रभा सिंह ने सभी वक्ता महिलाओं का सम्मान किया। टॉक शॉ की मॉडरेटर डॉ अलका राव थी वरिष्ठ वक्ताओं में डॉ रेणुका पामेचा, ममता जेटली, डॉ लाड कुमारी, सुमित्रा चौपड़ा व निशात हुसैन के नाम प्रमुख हैं व युवा वक्ताओं में ईशा शर्मा, नूर शेखावत(ट्रांसजेंडर), पूनम, पुष्पा सैनी और किरण कंवर शामिल थे। इस टॉक शॉ में उन महिलाओं को विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित किया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र विशेष में सुधारों की शुरुआत की और कड़ा संघर्ष करके समाज मे अपनी विशेष पहचान बनाई है और जिनका जीवन संघर्ष समाज के लिए आदर्श है और सभी को मार्गदर्शन और सम्बल प्रदान करता है।
टॉक शॉ की वरिष्ठ महिला वक्ताओं ने 1970 के दशक से अपने आन्दोलन की शुरुआत करी जिसकी अभी तक की यात्रा से रूबरू करवाया और युवा वक्ताओं ने नये परिवेश की नई चुनोतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया।