जवाब दे डिप्टी सीएम दीया कुमारी,क्यों दीया कुमारी के अहम का शिकार हुए 27 ग़रीब परिवार
80 साल पुरानी 27 थड़ियाँ जलेब चौक,सिटी पैलेस से उखाड़ कर पौधे और रैकिंग लगवा दी रातों-रात क्यों?
प्रधानमंत्री मोदी के 25 जनवरी के दौरे की आड़ में सफाई अभियान और सौंदर्यीकरण के नाम पर 70-80 साल पुराने रोज़गार के स्रोत छीन लिए दीया कुमारी ने। जलेब चौक सिटी पैलेस ग़रीबों की थड़ियाँ उजाड़ कर फिकवाँ दी राजकुमारी ने। हालांकि सिटी पैलेस के हालात यूँ भी जर्जर थे दीया कुमारी के अनुसार इन ग़रीबों की थड़ियों से सिटी पैलेस का सौंदर्य बिगड़ रहा था।
हालांकि महिला बाल विकास की मंत्री भी हैं दीया कुमारी लेकिन ग़रीब बुज़ुर्ग महिलाओं की बेरीज़गारी का कारण बन गयीं।70-80 साल दादा-परदादा के ज़माने से चली आ रही थीं ये थड़ियाँ मगर राजकुमारी दीया कुमारी की आँख की किरकिरी बनी हुई थीं? सत्ता में काबिज होते ही इनके इशारे पर नगर निगम हैरीटेज कमिश्नर अभिषेक सुराणा और हैरीटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने बिना नोटिस दिये 70-80 साल पुरानी सीटी पैलेस जलेब चौक की लगभग 30 थड़िया उजाड़ दीं। मोदी-इमेनुएल मैक्रों के सिटी पैलेस भ्रमण का बहाना लेकर दीया कुमारी ने बरसों की आस पूरी कर ली और बहती गंगा में हाथ धो लिए।
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार।
जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री मोदी गिलहरी के योगदान को याद करते हुए,आयोध्या मन्दिर निर्माण के कारीगरों पर फूलों की वर्षा करके उनके योगदान को सरहाते हैं वहीं दूसरी ओर राजकुमारी दीया उपमुख्यमंत्री भाजपा की नेत्री ग़रीबों पर अन्याय कर रहीं हैं।
लोगों के पास राजाओं के ज़माने की रसीदें,अलॉटमेंट लेटर,हाईकोर्ट के स्टे सब मौजूद हैं जिसमें अंकित हैं कि इन्हें किसी भी तरह इन जगहों से बेदख़ल नहीं किया जा सकता लेकिन बिना पूर्व नोटिस के यह थड़िया बेदर्दी से हटा दी गईं। हालाँकि इससे पूर्व भी कई वी आईपी दौरे राजधानी जयपुर में हुए हैं और सिटी पैलेस में भी VIP भ्रमण हुए हैं लेकिन सफ़ेद चादरों से दीवार बनाकर टैंट लगाकर शहर के सौंदर्यीकरण किये गए हैं लेकिन इस बार राजधानी की सत्ता में आते ही दीया कुमारी ने अपना उल्लू सीधा कर लिया और अपनी सोच के अनुसार बरसों पुराने मख़मल में लगे टाट के पैबन्द को हमेशा के लिए उखाड़ने का बहाना ढूँढ लिया। सबसे बड़ी बात यह कि बहाना मोदी मेंक्रों की यात्रा को बनाया।
24 को थड़ियाँ हटाई गयीं। गणतंत्र दिवस और फिर वीक एन्ड का अवकाश आ गया ऐसे में 04 दिन की आजीविका तो इन ग़रीबों की मारी ही गई और अब वहाँ पौधे लगाकर, रैकिंग लगाकर जगह को अपने कब्ज़े में ले लिया गया है। यानी हमेशा के लिए इन 27 दुकानदारों को बेरोज़गार कर दिया गया है।
ऐसे में मोदी की रीति-नीति पर राज करने वाले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दख़ल देना चाहिए और इन थड़ियों को सुव्यवस्थित स्टॉल्स उन्हीं स्थान पर बनाकर देनी चाहिए ताकि सिटी पैलेस का सौंदर्य भी बना रहे और इनका रोज़गार भी चलता रहे लेकिन राजकुमारी के अन्याय से पार्टी की धूमिल होती छवि को बचाना चाहिए।
ये हालत हैं सीटी पैलेस जलेब चौक का सौन्दर्यं-
◆सिटी पैलेस जलेब चौक जीर्ण -शीर्ण हो रहा है।
◆काई जमी है उसकी नक़्क़ाशीदार दीवारों पर?
◆कई जगह पिलर्स गिरने की स्थिति में हैं।
◆मेन द्वार पर सब टूटा बिखरा हुआ मलबा सौंदर्य का प्रतीक है?
◆ मेन परिसर में सड़ते,बदबू मारते टॉयलेट्स सिटी पैलेस जलेब चौक के सौंदर्य को चार चाँद लगा रहे हैं?
माननीय प्रधानमंत्री से प्रश्न-
क्या दीया कुमारी को राजधानी में इसीलिए लाई थी भाजपा सरकार कि यह ग़रीबों का घर उजाड़ दे उनका रोज़गार छीन ले और अपने पावर से दुबारा सब जगह कब्ज़ा कर ले जैसे जंतर-मंतर के पास और जलेब चौक में रैलिंग लगाकर किया है?