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प्लॉट न. 694 ज़ीरो सेटबैक पर अवैध आलीशान खड़ी भगत किराना की बिल्डिंग निगम के भ्रष्टाचार का सबूत

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प्लॉट न. 694 ज़ीरो सेटबैक पर अवैध आलीशान खड़ी भगत किराना की बिल्डिंग निगम के भ्रष्टाचार का सबूत

संत टेऊँराम मार्ग,मामा होटल रोड़,जवाहरनगर पर अवैध बहुमंज़िला बिल्डिंग बना रहा भगत किराना स्टोर का मालिक

बिल्डिंग का ठेकेदार निगम को खरीदने का करता है दावे।

पूर्व उपायुक्त सुरेश राव,आशिष वर्मा और अब वर्तमान उपायुक्त नूर मोहम्मद के बारे कहता है कि मेरी दुकान पर आकर पीते हैं चाय कॉफी और आदर्शनगर जोन नगर निगम है मेरी ज़ेब में।

करोड़ो का शोरूम बनाकर राजस्व और आयकर विभाग को लगा रहा चूना प्लॉट न. 694 भगत किराना स्टोर।

बिल्डिंग बायलॉज के नियमों के अंधेपन का नाम है आदर्श नगर जोन नगर निगम हैरिटेज

आदर्श नगर जोन, नगर निगम हैरिटेज बना अवैध निर्माणों का गढ़

शासन और प्रशासन दोनों मौन मूक दर्शक बनकर बैठे हैं

बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का धज्जियाँ उड़ाने में सिद्धस्त आदर्श नगर निगम जोन के बिल्डर

जोन डीसी नूर मोहम्मद और एईएन विजेंद्र मीणा संग राजस्व अधिकारी खा रहे है मोटी रक़म बिल्डर्स से और बिल्डर्स को अवैध निर्माण में दे रहे है पूर्ण सहयोग

शालिनी श्रीवास्तव
हिलव्यू समाचार, जयपुर ।
प्लॉट न.694,मामा की होटल,जवाहरनगर रोड़,भगत किराना स्टोर लगातार अवैध निर्माण कर बहुमंज़िला बिल्डिंग बना रहा है।
प्लॉट न.694 भगत किराना स्टोर के मालिक ने न भवन निर्माण की स्वीकृति ली और न ही भू रूपांतरण करवाया इसी के साथ न ही साइट पर कोई नक्शा,ले-आउट प्लान का होर्डिंग चस्पा किया है।
मन्ज़िल दर मन्ज़िल चढ़ाते हुए समस्त प्रकार के बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को ताक पर रख दिया है और आचार संहिता में तो बहुत तेज़ी से काम करवाया है ।
आदर्श नगर विधानसभा से विधायक रफ़ीक़ ख़ान का हवाला देते हुए मालिक तो मालिक इसके ठेकेदार भी बाज़ार में कहते है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। हमने सब सेटिंग कर रखी है।
आश्चर्य की बात है कि विधायक रफ़ीक़ ख़ान भी अवैध निर्माणों के मसीहा बने हुए हैं।
अब नई बात सामने आने लगी है कि रफ़ीक़ ख़ान जी के रहते कोई निगम में हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता!
जब एक सामान्य व्यक्ति घर बनाता है तो नगर निगम आकर उसका चालान काट देता है वहीं दूसरी और ये बिल्डर जब बिना परमिशन राजस्व को चूना लगाकर और साथ ही इनकम टैक्स विभाग की आँखों में धूल झौंककर मोटी काली कमाई हड़प कर जाते है तो शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली और रीति-नीति पर कई सवाल खड़े हो जाते हैं कि इतना सब कुछ होने पर भी इन अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों के विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यों होती?
निगम के भ्रष्ट अधिकारी,इंजीनियर,कर्मचारी, राजस्व अधिकारी को भी ये बिल्डर अपने काले गुनाहों में शामिल कर लेते हैं।
अब देखना ये है कि बीजेपी की 👍🏽सरकार बिल्डिंग बायॉलज के नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही करेगी और पालन करवाएगी या स्वयं इन अवैध निर्माणों की कांग्रेस की तरह पालनहार बन जाएगी?




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