प्लॉट न.2101 घी वालों का रास्ता,चाकसू का चौक,जौहरी बाज़ार, जयपुर परकोटे में अवैध निर्माण चरम पर
किशनपोल जोन नगरनिगम ने की औपचारिक कार्यवाही
न नोटिस चस्पा किया न ही ध्वस्तीकरण का दिया हवाला
निगम की सीजर के बाद भी अवैध निर्माण का काम निरंतर जारी
जबकि विश्व धरोहर के संरक्षण हेतु परकोटे में नवनिर्माण की नहीं है परमिशन
विश्व विरासत के साथ नहीं की जा सकती छेड़छाड़
किशनपोल जोन, नगर निगम हैरिटेज में धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण…
यूनेस्को द्वारा हैरिटेज इमारतों के संरक्षण के नियमों के तहत नहीं हो सकता नवनिर्माण
किशनपोल जोन नगर निगम हैरीटेज द्वारा गार्ड बैठा कर कर दी गयी है खानापूर्ति
मगर मौके पर निरीक्षण के समय गार्ड भी मिला ग़ायब
शालिनी श्रीवास्तव
हिलव्यू समाचार, जयपुर।
परकोटे में नवर्निर्माण की स्वीकृति नहीं होने के बावजूद भी जौहरी बाज़ार घी वालों के रास्ते में प्लाट नम्बर 2101 पर पुनर्निर्माण जोरो शोरो से चल रहा है। आसपास के पड़ौसी भी हैरान और परेशान हैं निर्माण कार्य से।
किशनपोल जोन नगर निगम हैरिटेज में शिकायत करने पर मात्र गार्ड नियुक्त कर खानापूर्ति कर दी गई जबकि अंदर ही अंदर निर्माण कार्य जारी है।
क्या किशनपोल जोन के उपायुक्त,राजस्व अधिकारी ,निर्माणकार्य शाखा अधिकारी और हैरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर को परकोटे में होते हुए अवैध निर्माण दिखाई नहीं देते या निर्माण कर्ताओं द्वारा मोटी रकम दे दी जाती है जिसकी वजह से अवैध निर्माण लगातार जारी रहते हैं ।
राजस्व को लगातार नुकसान, हैरिटेज संरक्षण का लगातार बनता मज़ाक सोचने का गम्भीर विषय है।
विश्व विरासत की सूची में परकोटे को पुरातन विरासत की वजह से ही पहचान मिली है जिसमें इसकी पारम्परिक हवेलियाँ,परकोटे,गलियाँ, चित्रकारी,दीवारों पर अंकित नक़्क़ाशी और इसके पुरातन स्वरूप को यथा स्थिति रखने का नियम है केवल रख-रखाव हेतु पुननिर्माण या मरम्मत किया जाना ही स्वीकृति में आता है न कि हवेली की जगह कॉम्प्लेक्स या आधुनिक मॉल बनाने की स्वीकृति है।