दवाई वाली बस्ती छबड़ा ने खोली सरकारों की पोल
छबड़ा शहर के बीच सड़ रही दवाई वाली बस्ती
350 वोटर्स की बस्ती की किसी सरकार ने नहीं ली सुध आज तक
दवाई वाला बस्ती में सार्वजनिक शौचालय टूटे फूटे,बिना दरवाज़े,सड़ा नाला सच्चाई बयान कर रहे कांग्रेस बीजेपी जैसी सरकारों की
काई और सड़ांध से भरे हुए नाले से फैल रही लगातार बीमारियाँ लेकिन होश में नहीं आयी है सरकारें आज तक
दवाई वाला बस्ती कर रही बहिष्कार मतदान करने का
खुल कर विरोध जता रही बस्ती दोनों सरकारों का
शालिनी श्रीवास्तव
छबड़ा बाराँ हिलव्यू समाचार। लगभग 30-35 साल से भाजपा का वर्चस्व रहा है छबड़ा-छीपाबडौद विधानसभा में लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण योजना शौचालय अभियान की किरकिरी छबड़ा में देखी जा सकती है।
लगभग 20 साल पहले दवाई वालों को छबड़ा में कॉलेज के सामने बसाया गया। आवास कच्चे पक्के बनाकर दिए जिसमें तात्कालीन सरकार ने जमकर पैसा खाया। उसके बाद न सुध ली कॉलोनी की न ही कभी पानी की व्यवस्था पर ध्यान दिया।
सार्वजनिक शौचालयों के हालात नरक से भी बदतर हैं न दरवाज़े हैं,न पानी हैं न ही मरम्मत हुई है कभी। इधर भाजपा विधायक प्रताप सिंह का कहना है “हमारा काम नहीं मरम्मत करवाना” नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन भी बेसुध हैं ज़िम्मेदारी से।