सरकारी विभागों में इंजीनियरिंग की फ़र्ज़ी डिग्री दिलवाने व पदोन्नत करवाने का माफ़िया कौन?
डीएलबी,जेडीए,निगम,परिषद और अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत हैं सैकड़ों फ़र्ज़ी अभियंता और लगातार हो रहे पदोन्नत*
सही मायनों में डिग्रीधारकों के साथ पदोन्नति में हो रही धोखाधड़ी
इंजीनियरिंग में सैकड़ो फ़र्ज़ी डिग्रीधारियों के लिए फ़र्ज़ी डिग्री की व्यवस्था करना उन्हें सेवा रिकॉर्ड में शामिल कराना और उसके आधार पर भर्ती व पदोन्नति करवाने का काम डीएलबी में कौन सम्भालता है?
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार। स्वायत्त शासन विभाग के गलियारों में दबी ज़ुबान से चर्चा है कि लगातार फ़र्ज़ी डिग्रीधारी अभियंताओं को व्यवस्थित करना,उनके फ़र्ज़ी दस्तावेज़ उपलब्ध करवाना,फ़र्ज़ी डिग्रियाँ बनवाना,रिकॉर्ड में शामिल करवाना और इसके अतिरिक्त जॉइनिंग के बाद उनको पदोन्नति करवाना यह सब काम डीएलबी का एक साधारण सा व्यक्ति डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा के इशारे पर करता है। जिसके बारे में हम खुलासा करेंगे अगले अंक में। लगभग साठ से सत्तर हज़ार मासिक तनख़्वाह पाने वाला यह व्यक्ति पिछले 10 सालों में करोड़पति-अरबपति बन गया है। 8-10 बड़ी अवैध प्रॉपर्टी अवैध बहुमंजिला बिल्डिंग्स का मालिक बन गया है और इसके अतिरिक्त अपने बेटे को भी 2013 से कनिष्ठ अभियंता पद लगाया है और जो डिप्लोमा उस पुत्र ने किया है वो भी फ़र्ज़ी ही है।अपनी बहू और अपनी बेटी को डीएलबी में शामिल करवाने का भी श्रेय इन महाशय को ही जाता है।इसी के साथ-साथ अपनी पत्नी के नाम से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम ज़ोरों पर चला रखा है। बिल्डर कंपनी बनाकर बड़े पैमाने पर काली कमाई को दोगुना चौगुना यह व्यक्ति कर रहा है।
एक जागरूक शिक़ायतकर्ता की शिक़ायत पर मामला एसीबी में पहुँचा लेकिन जाँच आज तक लंबित क्यों है, जल्द इसका भी होगा ख़ुलासा।
पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संज्ञान में था सारा मामला लेकिन कभी कोई कार्यवाही इसीलिए नहीं हुई क्योंकि भेंट बराबर पहुँचती रही है डीएलबी डायरेक्टर द्वारा।
डीएलबी डायरेक्टर को शांति धारीवाल का और इस भ्रष्ट व्यक्ति को डीएलबी डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा का आशीर्वाद प्राप्त है। आगे के अंक में फ़र्ज़ी डिग्री व्यवस्था से अर्जित आय की संपत्तियों का चित्र सहित ख़ुलासा करेगा हिलव्यू समाचार।