सहानुभूति नहीं सम्मान चाहिए : ट्रांसजेंडर नूर शेखावत
हमें भी ईश्वर ने इंसान ही बनाया है तो इतना भेदभाव क्यों ? हमें भी दर्द होता हैं हमारे भी आँसू निकलते हैं
पर कोई प्यार और विश्वास से सिर पर हाथ रखने वाला आसपास नहीं होता….आख़िर क्यों ?
शालिनी श्रीवास्तव
जयपुर हिलव्यू समाचार
ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को बड़ी जद्दोजहद और संघर्ष के बाद महारानी कॉलेज में एडमिशन मिल ही गया । इस दौरान मीडिया से बात करते हुए नूर की आँखों में आँसू झलक आये और नूर ने कहा कि हमें समाज से अलग नहीं रहना है बल्कि समाज के साथ रहना है अगर ईश्वर ने हमें किन्नर बनाकर पैदा किया है तो इसमें हमारी क्या ग़लती है ?
मैं पढ़ना चाहती हूँ,जॉब करना चाहती हूँ और सुकून से भरी जिंदगी जीना चाहती हूँ पर हमारे किन्नर होने के कारण से न हमें घर में जगह मिलती है और न ही कोई हमें किराए पर कमरा देता है ऐसे में अधिकारों का मिलना तो बेहद मुश्किल सफ़र बन ही जाता है।
नूर शेखावत में आत्मविश्वास,सौंदर्य,सहनशीलता और दृढ़ता का नूर कूट-कूट कर भरा है।सम्भवतया नूर अपने किन्नर समाज के लिए नया नूर यानी एक नई रोशनी लेकर आईं हैं जो उन्हें समाज में ही नहीं समाज के दिलों में भी रोशन कर जाएगी सम्मान और प्यार के साथ
आइये जानते हैं नूर के विचार और संघर्ष के बारे में-
हिलव्यू समाचार से बातचीत के प्रमुख अंश –
प्रश्न : महारानी कॉलेज में एडमिशन की सफलता पाकर
कैसा महसूस कर रही हैं?
उत्तर: शिक्षा की आवश्यकता हमें भी है मुझे विश्वास है
कि मेरा ये संघर्ष मेरे किन्नर समाज को नई सोच
नई दिशा देगा। समाज की सोच बदलेगी। जनावास योजना या सरकार की स्कीमों में भी हमें स्थान मिलेगा ऐसा मेरा मानना है।
प्रश्न : इस वक़्त जाति आरक्षण ज़ोरों पर है ऐसे में क्या किन्नर समाज भी विशेष कोटे या आरक्षण की माँग करेगा?
उत्तर: ज़रूरतमंद लोगों के लिए ही आरक्षण होना ही चाहिए। दिव्यांग,ग़रीब,विधवा महिला, बुज़ुर्ग सभी को आरक्षण मिलना चाहिए इसी तरह समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए हमें भी आरक्षण तो मिलना ही चाहिए।
हमारे लिए भी कोटा सुरक्षित हो!
प्रश्न: परिवार का क्या कोई सहयोग रहा इसमें?
उत्तर : मुझे यही दुःख है कि मेरा परिवार मेरे साथ नहीं था लेकिन मुझे मेरे किन्नर समाज,मेरे गुरु माँ,मेरे मित्रों व मीडिया ने मुझे बहुत सहयोग किया है।
प्रश्न: अभी महापंचायतों का दौर है क्या आप भी आगे
किन्नर समाज की महापंचायत या संगठन बनाएंगी और उस संगठन को रजिस्टर्ड करवएंगी?
उत्तर: हाँ ज़रूर अभी शिक्षा का रास्ता खुला है तो आगे
भी संभावनाएँ बनेंगी ज़रूर! हमारे समाज के
उत्थान के लिए हर सम्भव प्रयास करूँगी। हमारे
लिए जो नियम,क़ानून क़ायदे बने हैं उन्हें आम
जनता व हमारे समाज के सामने लाऊँगी ताकि
किन्नर समाज में जागरुकता आये।
प्रश्न :अभी हाल ही में नीलू किन्नर की बेरहमी से हत्या हुई। डोली किन्नर को पुलिस ने बेवजह मारा ऐसे में सभी वर्गों,नेताओं,शासन-प्रशासन यानी सम्पूर्ण समाज को क्या कहना चाहेंगी आप?
उत्तर: मैं बताना चाहूँगी की किन्नर समाज भी इंसान है उसे भी तकलीफ़ होती है उसे भी समाज का हिस्सा मानें। किन्नर समाज ओबीसी में आता है और शिक्षा,सम्मान व न्याय का उसे भी अधिकार है। हमारे किन्नर समाज को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए हमारा सहयोग करें। हम पर विश्वास करें। सरकार से अनुरोध करूँगी कि अन्य वंचित व ज़रूरतमंद वर्ग की तरह किन्नर समाज को आरक्षण दे और उसका हक़ दे ताकि किन्नर समाज को नई पहचान नई दिशा मिले।