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सरकारी जंवाई डीएलबी डायरेक्टर IAS हृदेश शर्मा इतने निरंकुश क्यों

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3-3 सरकारी गाड़ियाँ निजी उपयोग में लाकर सरकारी जवाईं बने IAS हृदेश शर्मा
डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा राजस्थान सरकार के घर जवाईं है तीन-तीन सरकारी गाड़ियों में सवार नज़र आते हैं?

3-3 सरकारी गाड़ी रखने की अनुमति तो मुख्यमंत्री महोदय या मुख्य सचिव को भी नहीं होती फिर हृदेश शर्मा पर मेहरबानी किसकी और क्यों?

वाहन संख्या RJ 14 TE 8849 (स्विफ़्ट डिजायर) वाहन संख्या RJ 14 UA 4686 ( टोयटा इनोवा) वाहन संख्या RJ 14 UJ 3736 (महिंद्रा बोलेरो) इनोवा के अलावा दोनों गाड़ी बोलेरो और डिज़ायर डीएलबी निदेशक के अधीनस्थ जूनियर अधिकारियों के नाम से स्वीकृत हैं लेकिन डीएलब निदेशक हृदेश शर्मा के निजी व पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहती हैं या जामडोली स्थित घर में खड़ी रहती हैं क्यों?

3-3 सरकारी गाड़ियाँ घर के दरवाज़े पर खड़ी रखने का भुगतान नहीं करते हैं IAS हृदेश शर्मा क्यों?

स्वायत्तशासन विभाग के कार्यालय में पार्किंग के पूरे एरिया में एकछत्र राज करती हैं डायरेक्टर हृदेश शर्मा की सरकारी गाड़ी क्यों? किसी अन्य अधिकारी-कर्मचारी को इज़ाजत नहीं गाड़ी पार्क करने की स्वायत्तशासन विभाग के कार्यालय में पार्किंग में……क्यों?

सरकार द्वारा निर्धारित चेम्बर में नहीं बैठकर मीटिंग हॉल में बैठते हैं आजकल डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा क्यों?आजकल डीएलबी के मुख्य द्वार पर जड़ा होता है ताला , छोटा द्वार ही है आगन्तुकों के आने जाने का रास्ता क्यों?

लगातार संपर्क करने पर भी डीएलबी डायरेक्टर उपलब्ध नहीं होते क्यों?

शालिनी श्रीवास्तव /हिलव्यू समाचार जयपुर। गहलोत सरकार की विशेष अनुकम्पा से आईएएस हृदेश शर्मा लगातार अपनी सेवाकाल में राजधानी जयपुर में जमे रहे हैं और सबसे बड़ी बात कि वे हमेशा प्रशासन के मलाईदार पदों पर ही विराजमान होते आये हैं। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारी,अधिकारी,समाज में प्रतिष्ठित लोगों,व्यापारियों और सभी तरह के प्राइवेट और सरकारी लोगों से उनके मज़बूत स्थायी सम्बंध बन गए हैं। डायरेक्टर हृदेश शर्मा की मनमानी एक निरंकुश राजा जैसी हो गयी है जो लगातार उनकी भ्रष्टता को प्रमाणित कर रही है-

◆ जामडोली में इकोलॉजिकल जोन के प्रतिबंधित एरिया में 2000 वर्गगज का अवैध बंगला।
◆सरकार द्वारा दी गयी एक सरकारी गाड़ी के अलावा 2-2 सरकारी गाड़ी का निजी दुरुपयोग।
◆अपने पद का दुरुपयोग कर सीज किये गए अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों को बिना जाँच-पड़ताल किये सीजर खोलने के आदेश।
◆अतिक्रमणकारियों व अवैध निर्माणकर्ताओं के झूठे शपथ पत्रों को मान्यता देकर निगमों को सीजर खोलने के अवैध आदेश।
◆वित्त विभाग के संज्ञान में लाये बिना उसकी फ़र्ज़ी आईडी से पदों की नियुक्ति हेतु आवेदन निकालना लेकिन वित्त विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होना।
◆भूमाफ़ियायों के साथ मिलीभगत कर जोनल और मास्टरप्लान में हेराफेरी करवाना।
◆राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिये गए आदेशों की अवमानना करना।
कई सारे अवैध कारगुज़ारियों और भ्रष्टता का चरम छूने के बाद भी आज तक डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा प्रशासन के मुख्य पद पर विराजमान हैं क्यों?
◆ईडी या एसीबी की नज़र से कैसे बच रहे हैं आईएएस हृदेश शर्मा

राजस्थान सरकार में किसी अधिकारी का इतना निरंकुश होना सरकार का फैलियर सिस्टम है या सरकार की नाज़ुक नस का राज़दार होना है। आख़िर गहलोत सरकार को आईएएस हृदेश शर्मा की कारगुज़ारियाँ नज़र क्यों नहीं आ रही ? सरकार इन पर अंकुश क्यों नहीं लगा रही ? शायद चुनावी दौर से पहले ख़ज़ानों को लबालब भरने वाले ज़िम्मेदार अफ़सरो की फ़ेहरिस्त में सबसे ऊँचा नाम और काम आईएएस हृदेश शर्मा का ही है और

अभी आचार संहिता लगने से पूर्व डीएलबी डायरेक्टर का ट्रांसफर हो जाना यह पुख़्ता रूप से प्रमाणित कर देगा कि गहलोत सरकार अपने चहेते और कमाऊ अधिकारियों को ट्रांसफर करके अब सेफ करके जा रही है और फिर चुनाव के बाद बिल्ली के भाग्य से छींका फूटा और एक बार फिर से गहलोत सरकार सत्ता में आई तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को फिर से मलाईदार पदों पर विराजमान होने का मौक़ा मिल ही जायेगा।
21 सितंबर के अंक को लेकर जेडीए के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन अधिकारी से सीधी बातचीत के अंश
प्रश्न : सर ! जामडोली के इकोलॉजिकल जोन (आवासीय हेतु प्रतिबंधित जोन) में लगातार जेडीए अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर रहा है ऐसे में उसी आवासीय प्रतिबंधित क्षेत्र में वर्तमान डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा का अवैध बंगला बना हुआ है उस पर कार्यवाही कब होगी? (हिलव्यू टीम 21 सितंबर का अंक दिखाते हुए)
उत्तर : अख़बार की ख़बर पर नज़र दौड़ाते हुए धर्मन्द्र कुमार यादव मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन अधिकारी जेडीए कहते हैं कि-“इस बारे में हम जाँच करवाते हैं।”
हिलव्यू प्रश्न : सर क्या इसके लिए लिखित शिक़ायत भी दर्ज करवाएँ ?
जेडीए उत्तर : इसकी आवश्यकता नहीं।अख़बार की ख़बर ही काफ़ी है। कहते हुए मुख्य प्रवर्तन अधिकारी जेडीए ने अख़बार में कुछ मार्क कर दिया)
अब ये देखने वाली बात होगी कि इकोलॉजिकल जोन में बने IAS हृदेश शर्मा के बंगले पर क्या कार्यवाही होती हैं?




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