सच बेधड़क के मालिक शॉर्टकट मीडिया मेन की पत्नी है सृष्टि जैन
वर्तमान में पर्यटन विभाग की जीएम सृष्टि जैन ने अपने पिछले कार्यकाल में तहसीलदार पद का दुरुपयोग कर कोर्ट के आदेश की उड़ाई धज्जियाँ
कोटखावदा तहसील में अपने कार्यकाल में किया घोटाला
कृषि भूमि पर कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद भूमाफियाओं के साथ मिलकर कर दी फ़र्ज़ी रजिस्ट्री
शालिनी श्रीवास्तव / जयपुर हिलव्यू समाचार ।
चाकसू कोटखावदा तहसील में कृषि भूमि पर कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद की रजिस्ट्री करने के मामले में कोटखावदा तहसील की तत्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन का नाम सामने आया है जो कि वर्तमान में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मन्द्र राठौड़ की अनुकम्पा से पर्यटन की जीएम बन गयी हैं और सच बेधड़क चैनल के मालिक एवं शॉर्टकट मीडिया मेन विनायक शर्मा की पत्नी भी हैं।
सृष्टि जैन ने अपने पूर्व कार्यक्षेत्र कोटखावदा में पटवारी व रजिस्ट्रेशन स्टाफ सहित भूमाफियाओं के साथ मिलकर एक फ़र्ज़ी रजिस्ट्री को अंज़ाम दिया।
कोर्ट अपर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम. सं. 15,जयपुर महानगर चाकसू के आदेश पर सृष्टि जैन तत्कालीन तहसीलदार एवं उप पंजीयक कोटखावदा जयपुर के साथ रामधन गुर्ज़र पुत्र पंचूराम गुर्ज़र एवं कृष्ण कुमार गुर्ज़र पुत्र पंचूराम गुर्जर निवासी बेनाडा, निलेश कुमारी पटवारी,अरुण पटवारी,रामपाल गुर्जर रजिस्ट्रार बाबू उप पंजीयन, रामसहाय मीणा जमादार,अनिल धानका पटवारी तहसील कोटखावदा के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें फ़ौज़दारी अपराध अंतर्गत धारा 166,166क,217,218,420,465,466,468,477क लगाई गयीं हैं। इनमें से अधिकतर धाराओं में लगभग 2 से 7 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है |
और अब देखना ये है कि सृष्टि जैन को जाँच में अपराधी पाए जाने पर कितने साल की सज़ा होती है और ज़ुर्माना लगता है या यहाँ भी सेटिंग और मिलीभगत के साथ-साथ आरटीडीसी चेयरमेन धर्मन्द्र राठौड़ व शॉर्टकट मीडिया मेन की पावर और पोजिशन सबकुछ उलट कर मामला रफ़ा-दफ़ा कर देती है।
पूरा मामला-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवादी बहादुर गुर्ज़र पुत्र रामजीलाल गुर्ज़र निवासी बैनाड़ा तहसील बस्सी जयपुर ने कोर्ट अपर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कम. सं. 15,जयपुर महानगर चाकसू में परिवाद संख्या 176/2023 दर्ज कराया जिसमें 7 अगस्त 2023 को सुनवाई के पश्चात एसएचओ थाना कोटखावदा को कोर्ट द्वारा FIR दर्ज किए जाने के आदेश हुए।
FIR में वर्णित प्रकरण है कि कोटखावदा दक्षिण में स्थित कृषि भूमि को बिना तकासमे के सह खातेदारों द्वारा भूमाफियाओं को बेचान किया जा रहा था जिसे रोकने के लिए परिवादी ने उनवानी प्रकरण नारायणी बनाम कैलाशी के नाम से दावा तकासमा व अस्थाई निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र 193/2023 व 194-/2023 न्यायालय उपखंड अधिकारी चाकसू में पेश किया था। जिस पर 17 जुलाई 2023 को ही कोर्ट ने विवादित कृषि भूमि पर राजस्व रिकॉर्ड की यथास्थिति बनाए रखने का स्थगन आदेश दिए थे।
इस दौरान परिवादी ने कोर्ट के आदेश की प्रति तत्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन को देकर रिकॉर्ड में दर्ज करने का प्रार्थना पत्र भी दे दिया गया था, लेकिन तात्कालिक तहसीलदार सृष्टि जैन के आदेशानुसार हल्का पटवारी नीलेश कुमारी ने रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया जबकि उसे आदेश की 6 प्रतियाँ क्रमवार परिवादी ने उपलब्ध करवाई थी लेकिन उसे प्रतियों की भी प्राप्ति रसीद नहीं दी गयी और पटवारी नीलेश ने कहा कि हमारे ऊपर सृष्टि जैन का बहुत दबाव है।
इधर अभियुक्त अरुण पटवारी ने स्थगन आदेश को राजस्व रिकॉर्ड में नहीं चढ़ाया बल्कि आदेश लेने से मना भी कर दिया। इस प्रकार प्रशासनिक लोगों की मिलीभगत व षड्यंत्र से न्यायालय के स्थगन आदेश को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया और स्थगन आदेशों को दरकिनार कर के कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ जाकर विवादित कृषि भूमि की रजिस्ट्री कर दी और इंद्राज डिस्पेच रजिस्टर में गड़बड़ की जाती है। इसी के साथ-साथ परिवादी धमकी भी दी जाती है।
मामला यहीं मिलीभगत का नहीं रुकता कोटखावदा थाने में थानाधिकारी परिवादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करता उसके बाद डीसीपी जयपुर शहर दक्षिण को भी 5 अगस्त को रजिस्ट्री से परिवाद भेजा जाता है लेकिन फिर भी FIR नहीं होती। 7 अगस्त 2023 को कोर्ट के द्वारा FIR दर्ज करने के आदेश जारी होते हैं। जाँच अधिकारी कोटखावदा एएसआई मदनलाल को बनाया गया है।
कुल मिलाकर मामले में वर्तमान में पर्यटन विभाग की जीएम तात्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन, पटवारी निलेश कुमारी, अरूण पटवारी, रामपाल गुर्जर रजिस्ट्री बाबू, रामसहाय मीणा जमादार, अनिल धानका पटवारी कोटखावदा, रामधन गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ षडयंत्र पूर्वक जमीन की रजिस्ट्री करवाने का आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।