कोटखावदा तहसील में अपने कार्यकाल में सृष्टि जैन ने किया घोटाला
कृषि भूमि पर कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद सृष्टि जैन ने की रजिस्ट्री
सृष्टि जैन व उसके साथियों के ख़िलाफ़ अपर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश क्रम 15 चाकसू के आदेश पर मुकदमा दर्ज
पर्यटन विभाग की वर्तमान जीएम सृष्टि जैन ने अपने पिछले कार्यकाल में तहसीलदार पद का दुरुपयोग कर कोर्ट आदेश की उड़ाई धज्जियाँ
शालिनी श्रीवास्तव / जयपुर हिलव्यू समाचार ।
चाकसू नगरपालिका क्षेत्र में कोटखावदा तहसील में कृषि भूमि पर कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद की रजिस्ट्री करने के मामले में सामने आया है। कोटखावदा तहसील की तत्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन जो वर्तमान में आरटीडीसी चेयरमैन की अनुकम्पा से पर्यटन की जीएम बन गयी हैं और सच बेधड़क चैनल के मालिक विनायक शर्मा की पत्नी भी हैं इन्होंने अपने क्षेत्र के पटवारी, रजिस्ट्रेशन स्टाफ सहित अन्य के साथ मिलकर एक फ़र्ज़ी रजिस्ट्री को अंज़ाम दिया। वहीँ अब सृष्टि जैन के साथ उपरोक्त सभी के ख़िलाफ़ अपर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश क्रम 15 चाकसू के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवादी बहादुर गुर्जर निवासी बेंदाडा ने कोर्ट अपर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश चाकसू में परिवाद दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि कोटखावदा दक्षिण में स्थित कृषि भूमि को बिना तकासमे के सह खातेदारों ने बेचान किया जा रहा था जिसे रोकने के लिए परिवादी ने अस्थाई निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र न्यायालय उपखंड अधिकारी चाकसू में पेश किया था। इस पर कोर्ट ने विवादित कृषि भूमि पर रिकॉर्ड की यथास्थिति बनाए रखने का स्थगन आदेश दिए थे।
इस दौरान कोर्ट के आदेश की प्रति तत्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन को देकर रिकॉर्ड में दर्ज करने का प्रार्थना पत्र भी दे दिया गया था, लेकिन तहसीलदार ने न्यायालय के स्थगन आदेश को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं कर स्थगन आदेश के बावजूद विवादित जमीन की रजिस्ट्री कर दी।
मामले में तात्कालीन तहसीलदार सृष्टी जैन, पटवारी निलेश कुमारी, अरूण पटवारी, रामपाल गुर्जर रजिस्ट्री बाबू, रामसहाय मीणा जमादार, अनिल धानका पटवारी कोटखावदा, रामधन गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ षडयंत्र पूर्वक जमीन की रजिस्ट्री करवाने का आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।