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विधायक प्रताप सिंह के दख़ल से भाजपा नेता व पत्रकार काजू गेरा ,चंद्रप्रकाश गेरा की FIR 327 गयी ठंडे बस्ते में

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ज़मीन बेचान में भाजपा नेता काजू गेरा द्वारा 65 लोगों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी धारा 420 और 406 का मुक़दमा

पूर्व विधायक करण सिंह ने भी साधी चुप्पी मीडियामेन काजू गेरा के ख़ौफ़ से

विधायक सिंधवी ने कहा: मामला ख़त्म करो तो हो गया ख़त्म।

अनुसन्धान अधिकारी मंगतूराम तहसीलदार रिपोर्ट का बना रहा बहाना
तहसीलदार मुकेश मीणा अधिक व्यस्तता का दे रहे हवाला
पटवारी ब्रजमोहन भी अधिकारी के आदेश के बिना हो गया पंगु ।
कुल मिलाकर मामला गोलमोल होने की स्थिति में!


पीड़ितों के लिए कोई संवेदनशील क़दम नहीं विधायक बल्लू भैया का ? अपनी पार्टी के नेता काजू गेरा को दिया जा रहा संरक्षण , जनता और जनता की पीड़ा जाए भाड़ में

आख़िर यह जनप्रतिनिधि जनता के प्रतिनिधि हैं या माफियाओं के संरक्षक? क्या यही है बल्लू भैया की राजनीति , इनको जनता के दर्द से नहीं है कोई सरोकार….??

इसी मामले में दूसरी FIR 0346 कपिल शर्मा ने की है जिसके जाँच अधिकारी बच्चू सिंह हैं।
लक्ष्मीचंद्र शर्मा का भी यही मसला है इस तरह कुल 65 लोगों के साथ हुआ है फ्रॉड

ज़्यादातर लोग ग़रीब तबके और मज़दूर वर्ग से हैं इसीलिए सहमे हैं और डरे हैं माफ़िया से भिड़ने की इनमें नहीं है ताक़त!  तो क्या जनप्रतिनिधि भी नहीं होंगे पीड़ितों के साथ?

हिलव्यू समाचार की ख़बर के बाद नगरपालिका ने प्रकाशित की सूचना जनहित में लेकिन FIR 327 पर नहीं लिया कोई संज्ञान

शालिनी श्रीवास्तव /बाराँ हिलव्यू समाचार।
ज़मीन बेचान मामले में भाजपा नेता काजू गेरा द्वारा 65 लोगों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी की धारा 420 और 406 के मुक़दमें में अनुसंधान लगातार टाला जा रहा है। थाने से तहसील और तहसील से थाने के बीच अटकाकर बल्लू भैया के आदेशों की हो रही है पालना। पीड़ित वर्ग लगातार चक्कर काट रहा है थाने और तहसील के आख़िर क्यों? क्यों ? क्यों? आइये सुनते हैं जाँच के पहलुओं की सच्चाई .और जानते है की आखिर क्या है पूरा मामला?

छीपाबड़ौद रोड पर भूमि खसरा नंबर 319 रकबा 7 बीघा 4 बिस्वा भूमि में एक तिहाई पर ही रजिस्टर्ड विक्रय पत्र का अधिकार रखने वाले काजू गेरा ने अपने रसूख के माध्यम से 2008 में 65 लोगों को बनाया अपनी धोखाधड़ी का शिकार। चंद्र प्रकाश गेरा द्वारा निर्मित कॉलोनी का नाम बजरंग नगर कॉलोनी है जिसमें लगभग 65 लोगों ने अपनी जमापूँजी को सुरक्षित करने या बच्चों को शहर में पढ़ाने के मक़सद से घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदे लेकिन भूखंड क्रेताओं के साथ धोखाधड़ी हो गई जब वो पैसों की गुंजाइश होने पर मकान बनाने मौक़े पर पहुँचे। वहाँ पहले जिन्होंने घर बना लिए उनकी वजह से उनका रास्ता बंद होने का मामला सामने आया फिर इन क्रेताओं को ज्ञात हुआ कि भूखण्ड संख्या 3,4 25×40 व भूखण्ड संख्या 5 में 20×50 लगभग 20-20 फिट कम हैं।

जब इस संबंध में कॉलोनाइजर क्रेता काजू गेरा के पास पैमाईश की बात लेकर पहुँचे लेकिन धोखेबाज और अभिमानी कॉलोनाइजर ने देश की तीसरी बड़ी मीडिया व राजनैतिक दबदबे की धमकियाँ देकर पीड़ितों को भगा दिया। 65 लोगों में से कुछ लोगों ने छबड़ा थाने में परिवाद दिया लेकिन डेढ़ माह तक केवल चक्कर काटते रहे पीड़ित पक्ष के लोग।

आख़िरकार डिप्टी थाना छबड़ा के दख़ल के बाद हरिओम पुत्र मदन लाल कुमावत निवासी प्रताप नगर प्रथम छबड़ा की FIR 327 22 जुलाई 2023 को दर्ज हुई। जिसमें प्रार्थी हरिओम कुमावत ने बताया कि उसने 3 प्लॉट अपनी मां नटी बाई के नाम से खरीदे थे जिनके प्लॉट संख्या 3,4 एवं 5 है। जिसकी संपूर्ण राशि अदा करने पर तीनों प्लॉट की रिपोर्ट की फाइल काजू गेरा ने इन्हें दे दी थी।उस समय खरीदने के दौरान जमीन खाली थी लेकिन वर्तमान में जब वह यानी हरिओम निर्माण करवाने के मक़सद से मौक़े पर पहुंचा तो सभी भूखण्ड की साइज कम निकली अन्य लोगों से भी चर्चा करने पर ज्ञात हुआ कि सभी के साथ यहाँ पर धोखाधड़ी हुई है। अब काजू गेरा कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा।

अब पता चला है की कॉलोनाइजर चंद्रप्रकाश गेरा के पास जितनी जमीन थी उससे ज्यादा प्लॉट उसने काट दिए। इस वजह से सभी बेचान किए हुए कर्ताओं के पास जमीन कम पड़ रही है और अब काजू गेरा सभी की पूंजी हड़प कर अब कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं । पुलिस द्वारा भी लगातार अनुसंधान टाला जा रहा है।

पीड़ितों को थाने से तहसील और तहसील से थाने के बीच अटकाकर बल्लू भैया के आदेशों की हो रही है पालना। पीड़ित वर्ग लगातार चक्कर काट रहा है थाने और तहसील के आख़िर क्यों? क्यों ? क्यों?




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