स्थानांतरण के मुद्दे को बनाएंगे जन आंदोलन
सरकार को तृतीय श्रेणी संवर्ग के शिक्षकों , शारीरिक शिक्षकों के स्थानांतरण कर उन्हें राहत प्रदान करनी चाहिए।
जुबेर खान
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व सामाजिक कार्यकर्ता
मेरे दादाजी ग्राम पंचायत दीनगढ़ के निर्विरोध उपसरपंच रहे कांग्रेस के ही दीनगढ़ निवासी रामप्रताप कड़वासरा उस समय कैबिनेट मंत्री थे। मेरे दादाजी और उनके अच्छे संबंध थे। जिस कारण गत भाजपा सरकार में मेरा स्थानांतरण नहीं हुआ और इस सरकार में भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। अगर हमारी सुनवाई नहीं होती है तो हम अपने समस्त परिवार से कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का निवेदन करेंगे।
देवेंद्र सिंह सिद्धू
प्रदेश संयोजक समस्त तृतीय श्रेणी संवर्ग राजस्थान
लंबे समय से तृतीय श्रेणी शिक्षकों तथा शारीरिक शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं हुए हैं ट्रांसफर से अति शीघ्र बैन हटना चाहिए।
दुलीचंद कोली
राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत
सरकार लगातार तृतीय श्रेणी शिक्षकों तथा शारीरिक शिक्षकों को गुमराह कर रही है कभी पॉलिसी के नाम पर,कभी स्थानांतरण फॉर्म भरवाने के नाम पर कभी समय-समय पर बेतुके बयान देकर।
माया मीणा
शारीरिक शिक्षिका
जयपुर हिलव्यू समाचार। तृतीय श्रेणी शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए आखिर और कितना इंतजार करना पड़ेगा यह पूछ रहे हैं राजस्थान के हजारों लाखों शिक्षक। लगातार 5 साल 9 माह से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को केवल और केवल धोखा दिया गया। शिक्षकों का कहना है कि अब समझ में आता है कि किस तरह से मौका देख कर सरकार ने समय-समय पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों ,शारीरिक शिक्षकों को गुमराह किया। उपचुनाव को देख कर के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण के आवेदन भरवाए गए। कर्मचारियों ,तृतीय श्रेणी शिक्षकों, शारीरिक शिक्षकों, प्रबोधकों सहित तृतीय श्रेणी संवर्ग ने सरकार को अपार समर्थन दिया। समय-समय पर यह बयान देकर के कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण अब हो जाएंगे अब हो जाएंगे, इसी इंतज़ार में पौने 5 साल निकल गए। तृतीय श्रेणी संवर्ग की संख्या 3: 50 लाख से 400000 कर्मचारियों की है। क्या आप सभी जो तृतीय श्रेणी संवर्ग में कार्यरत हैं अंतर जिला ट्रांसफर चाहने वाले लगभग 20 हजार शिक्षक हैं लेकिन इसको लेकर नाराजगी पूरे संवर्ग में है।तृतीय श्रेणी संवर्ग सरकार से भी दुखी है और विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ सबसे ज्यादा कार्य निष्पादन तृतीय श्रेणी शिक्षक ही करता है।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों की बहुत गंभीर से गंभीर समस्याएं हैं किसी के माता-पिता से संबंधित, किसी की असाध्य रोग से संबंधित, पति पत्नी सेवा का प्रकरण, गंभीर से गंभीर समस्याएं ,महिलाएं कई सालों से अपने घरों से दूर बैठी हैं। कोई जवानी में नौकरी लगा था बुढ़ापा आ गया पर गृह जिला नसीब नहीं हुआ। जुलाई का पिछला सप्ताह राजस्थान में पूरा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर आंदोलन से संबंधित रहा। कई सामाजिक कार्यकर्ता जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जुबेर खान, राजाराम मील कई निर्दलीय तथा सरकार के विधायक भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों, शारीरिक शिक्षकों के ट्रांसफर की मांग कर चुके हैं।
सौ बात की एक बात तृतीय श्रेणी वर्ग का केवल और केवल शोषण किया है सरकार ने यह कहना है ज्यादातर शिक्षकों का। गत सरकार ने 32000 ट्रांसफर किए थे ऐसा वे दावा करते हैं। और भाजपा से जुड़े लोगों का सब का ट्रांसफर हुआ। लेकिन इसमें तो कई तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पूर्वज कई पीढ़ियों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं लेकिन उनकी ही सुनवाई नहीं हो रही। क्या इनाम मिला उनको कि उस सरकार में भी टुकुर-टुकुर देखते रहे और अब भी टुकुर टुकुर देख रहे हैं।इसलिए पीड़ा बहुत ज्यादा है। सरकार ने पूरे तृतीय श्रेणी संवर्ग को ही प्रतिबंधित संवर्ग बनाकर छोड़ दिया है। शिक्षकों का कहना है कि अब अपने बूढ़े मां बाप, बच्चों सहित जयपुर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और जब तक यह सरकार ट्रांसफर खुलने का नोटिफिकेशन जारी नहीं करते तब तक वहां से नहीं हटेंगे।