निगम की आँखों में आवासीय की धूल झौंककर कमर्शियल अवैध बिल्डिंग व फ्लैट्स बनाने की होड़
न परमिशन लेने का झंझट और न बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को मानने का सिस्टम…
बिल्डर बेख़ौफ़ होकर करते है अवैध निर्माण और धड़ल्ले से कहते है क्या कर लेगी सरकार…
शालिनी श्रीवास्तव /हिलव्यू समाचार, जयपुर। जवाहर नगर पुलिया नम्बर 2 का कॉर्नर वीर हनुमान स्वीट्स के सामने स्थित प्लॉट नम्बर D -85 में बहुत तेज़ी से अवैध निर्माण हो रहा है। अवैध निर्माणकर्ता सिर्फ़ स्वयं के फायदे के लिए निर्माण कार्य करते है और इस निर्माण कार्य से प्राप्त होने वाली काली कमाई से शुरू होता है सिलसिला और अवैध बिल्डिंग बनाने का इस तरह सरकारी खज़ाना खाली का ख़ाली रह जाता है और इन बिल्डर्स के ख़ज़ाने भर जाते हैं। मालवीयनगर नगर निगम जोन में बिना परमिशन लिए बिल्डिंग बायलॉज के नियमों से परे जाकर कालूराम किराना वाले कर रहे हैं अवैध निर्माण।
ये अवैध निर्माणकर्ता सरकार की आँखों में धूल झौंकने से बाज़ नहीं आते क्योंकि इनको नहीं है डर शासन और प्रशासन का। बिल्डिंग बायलॉज को फॉलो नहीं करते,सेटबैक और ऊँचाई में मनमानी तो करते ही हैं बल्कि जितने फ्लोर की परमिशन लेते हैं उससे ज़्यादा का निर्माण करते हैं। बैसेमेंट और पेंटहाउस परमिशन में अंकित नहीं होते। कुल मिलाकर अवैध निर्माण ही करते हैं।
आवासीय भूखण्डों में कमर्शियल चाहे वो दुकानें हों या फ्लैट्स करोड़ों की कमाई देते हैं बिल्डर्स और भूखण्ड धारक को लेकिन ये न निगम की रेवेन्यू बढाते हैं न ही इनकम शो करते हैं। सरकारी सिस्टम की लचरता इनके हौसलों को चार चाँद लगा रही है। गहलोत सरकार का ढुलमुल और दोगला रवैया बिल्डर्स की चाँदी करने के लिए काफी है।