पुलिस भी हुई मीडिया घराने पर मेहरबान
भरी दोपहर को एक मीडिया घराने ने दिखाई गुंडागर्दी
शुरू किया लड़ाई दंगा और मचाया कोहराम
मीडिया घराने के आगे जेडीए ने टेके घुटने , पुलिस भी हुई मीडिया घराने पर मेहरबान ,शासन-प्रशासन की नाक के नीचे ज्योतिनगर थाने से मात्र दस कदम की दूरी पर दिन दहाड़े भरी दोपहर को एक मीडिया घराने ने दिखाई गुंडागर्दी और शुरू किया लड़ाई दंगा और मचाया कोहराम ,बताया जा रहा है की पुलिस की पीसीआर भी तमाशबीन बन इधर मंडराकर चलती बनी । क्या वाकई राजधानी जयपुर बन गयी है आतंक का अड्डा , आख़िर कौन है इन भूमाफ़ियाओं का मसीहा ? सबसे बड़ी बात तो यह है की जयपुर विधानसभा के पास हुई इस गुंडागर्दी और लड़ाई-झगड़े की ख़बर किसी ने नहीं छापी , क्या यही है गहलोत सरकार के सुशासन का असली रूप ?
दरअसल यह मामला है ज्योतिनगर के टी पॉइंट पर स्थित लाल कोठी योजना के प्लॉट नम्बर C 127, C 128, E 243 से 246 का है जिसे सुशील केडिया पुत्र द्वारका प्रसाद केडिया द्वारा अपना बताया जा रहा है । जो की यहाँ कई वर्षों से काबिज है वहीं दूसरा पक्ष जेडीए इसे अपनी संपत्ति बता रहा है । वहीं जेडीए और केडिया के अलावा इस भूमि पर एक तृतीय पक्ष भी सामने आया जोकी इस जमीन पर अपना दावा बता रहा है वह है महानगर टाइम्स अखबार जिनका केडिया ग्रुप के साथ इस भूमि पर न्यायालय में एक मामला भी सीबी सिविल रिट पिटीशन 6409/2012 के तहत विचाराधीन है।
लेकिन न जाने अचानक ऐसा क्या खेल हुआ की JDA द्वारा केडीया ग्रुप पर ताबड़तोड़ कार्यवाही शुरू हो जाती है 1 जेडीए द्वारा केडिया ग्रुप को 4 जून 2023 को कब्ज़ा हटाने का नोटिस दिया जाता है और 22 जून 2023 को ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर कब्ज़े में लेने के भी आदेश जारी कर देता है। 22 जून की सुबह सुबह ही JDA कर्मचारी JCB मशीन व जाप्ते को साथ लेकर इस भूमि पर बने निर्माण का ध्वस्तीकरण कर कब्ज़ा लेने पहुँच जाते है ! और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर अपने नाम की मोहर वहाँ लगा देते हैं ।
22 जून को सुबह हुई JDA कार्यवाही के बाद उसी दिन दोपहर में वहाँ शुरू हुआ गुंडागर्दी का नंगा नाच । तृतीय पक्ष महानगर टाइम्स अखबार के कर्मचारी लाठी-सरिए लेकर उस जमीन पर झगड़ा करने आते हैं और वहाँ उस भूमि के बाहर लगे मीणा टी स्टॉल के राहुल चाय वाले को बुरी तरह मार पीट कर के भगा देते हैं और फिर JDA द्वारा कब्ज़े में ली गयी विवादित भूमि पर अपने साथ लाए गए बड़े बड़े कंटेनर वहाँ रख देते हैं । लेकिन फिर इसी बीच कुछ अज्ञात लोग भी वहाँ पहुँच कर तृतीय पक्ष महानगर टाइम्स अखबार के कर्मचारीयों पर हमला करके उनके साथ मारापीटी करते हैं और वहाँ से फरार हो जाते हैं ।
मजे की बात यह है की जेडीए,पुलिस और शासन-प्रशासन सहित पूरा सिस्टम अभी तक वशीकरण की नींद सोया होता है। लेकिन तभी मामला बढ़ने की आशंका से JDA पुनः कार्यवाही कर वहाँ रखे कंटेनर को हटाता है और अबकि बार JDA स्वामित्व की भूमि के बोर्ड के साथ-साथ विवादित भूखण्ड की बाहर की दीवारों पर लाल अक्षरों से भी JDA संपत्ति दर्ज किया जाता है ।
जहाँ राज्य के समस्त विधायक विराजमान होते हैं ! उस विधानसभा से महज 500 मीटर की दूरी तो वही दूसरी तरफ “आम जन में विश्वास और अपराधियों में डर” जैसा नारा देने वाली राजस्थान पुलिस का ज्योति नगर थाना भी घटना स्थल से महज चंद कदमों की दूरी पर लेकिन इतने बड़े संगीन मामले की जेडीए द्वारा न कोई पुलिस कार्यवाही,न कोई FIR,और तो और शासन प्रशासन में भी कोई हलचल नहीं होती है? ना मीडिया में यह खबर छपती है? वहीं अब उल्टा महानगर टाइम्स अखबार के कर्मचारी द्वारा ही अपने साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट लिखवाई गई है जिसमें इस जमीन को जेडीए द्वारा अखबार को आवंटित की गई होना बताया गया है , इन सब कार्यवाहियों से तो यही लगता है की क्या अब जेडीए कब्जा खाली करवाने का भी ठेका लेने लगी है ।
आख़िर इन सारी परिस्थितियों के पीछे कौनसी गैंग,सियासी ताक़त या मीडिया घराना भूमाफ़िया या डॉन की भूमिका में काम कर रहा है यह अभी कहना मुश्किल है लेकिन फिलहाल मामला यह है कि एक जमीन पर तीन लोग अपना कब्ज़ा दिखा रहे हैं जिसमें पहला हैं—सरकारी तंत्र जयपुर विकास प्राधिकरण दूसरा केडिया ग्रुप और तीसरा है महानगर टाइम्स अखबार । अब देखना यह है कि प्रशासन का ऊँट आखिर किस करवट बैठता है?