निगम मुख्यालय से ही संचालित था फर्जी पट्टा जारी करने का काम
निगम का एक बाबू और कम्प्यूटर आपरेटर गिरफ्तार
कम्प्यूटर ऑपरेटर जतिन शर्मा व बाबू अविनाश कुमावत से दलाल संजय कोठारी व पंकज जैन ने करवाया फर्जी पट्टा जारी
पट्टे पर है उपायुक्त, मेयर समेत तमाम अधिकारियों के साइन
डिस्पैच रजिस्टर में हुई एंट्री से पकड़ में आया मामला
जयपुर नगर निगम ग्रेटर के निगम मुख्यालय से ही हो रहा था फर्जी पट्टा जारी । नगर निगम के उपायुक्त प्लानिंग ने इस मामले में निगम के ही एक बाबू और कम्प्यूटर आपरेटर को पकड़ा है। इन दोनों के खिलाफ नगर निगम प्रशासन द्वारा ज्योति नगर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है।
पिछले दिनों निवारू रोड स्थित एक कॉलोनी के भूखण्ड का फर्जी पट्टा जारी होने के बाद हड़कंप मच गया था। क्योंकि उस भूखण्ड का साल 2007 में जेडीए पहले ही पट्टा जारी कर चुका था। इसी साल मार्च में नगर निगम की ओर से उस भूखण्ड का एक नया पट्टा किसी दूसरे के नाम जारी हो गया। मामला जब नगर निगम में पहुंचा तो देखा पट्टा दिखने में पूरी तरह ऑरिजनल था और उस पर उपायुक्त, मेयर समेत तमाम अधिकारियों के साइन थे, लेकिन नगर निगम के रिकॉर्ड में वो फाइल नहीं थी, जिसके आधार पर ये पट्टा जारी किया।
जब डिस्पैच रजिस्टर की जांच की गई तो उसमें पट्टे की एंट्री जिस हैंडराइटिंग में की गई थी उसी हैंडराइटिंग में डिस्पैच रजिस्टर में भी थी, जिनमें पट्टा जारी होने का उल्लेख था। एंट्री में 3 मार्च 2023 को टोंक रोड वसुंधरा कॉलोनी के भूखण्ड संख्या 267 का पट्टा शकुंतला देवी पत्नी अशोक कुमार के नाम से जारी होना बताया।
उपायुक्त ने जब रिकॉर्ड की जांच की तो पता चला कि शकुंतला देवी के नाम से पहले पट्टे के लिए एप्लीकेशन लगी थी, जिसे नगर निगम ने खारिज कर दिया था। क्योंकि वह भूखण्ड सुविधा क्षेत्र की जमीन पर आ रहा था। लेकिन कम्प्यूटर ऑपरेटर जतिन शर्मा, बाबू अविनाश कुमावत और दलाल संजय कोठारी व पंकज जैन ने फर्जी पट्टा जारी करवाकर आवेदक को सौंप दिया। मामला पकड़ में आने के बाद नगर निगम ने इन सभी के खिलाफ ज्योति नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।