BREAKING NEWS
Search
HS News

हमें अपनी खबर भेजे

Click Here!

Your browser is not supported for the Live Clock Timer, please visit the Support Center for support.

खाईवालों को रास आया अवैध बिल्डिंग निर्माण का धंधा

258

खाईवाली के धंधे के साथ बिल्डर लाइन में कर रहे करोड़ों की कमाई

राजापार्क का पंचवटी सर्कल ख़त्म हो रहा धीरे-धीरे ,बिल्डिंग में 5-6 फीट आगे बालकनी से सड़क हुई कवर

जयपुर नगर निगम नींद में बिल्डर सेंध लगाने में व्यस्त ,इनकमटैक्स व अन्य सरकारी रेवेन्यू की चोरी कर रहे बिल्डर

नगर निगम से सांठगांठ कर सड़क पर अतिक्रमण ,स्वीकृति से ज़्यादा दोगुने-चौगुने फ़्लैट्स बना रहे बिल्डर

इनकमटैक्स और निगम की रेवेन्यू को करोड़ों का चूना , भ्रष्टाचार को प्रमाणित कर रहीं सड़क तक आती बालकनियाँ

जयपुर हिलव्यू समाचार। शालिनी श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट । खाईवाली के धंधे के साथ-साथ बिल्डर करोड़ों कमा रहे हैं। निवेश कहाँ करें यही प्लान उन्हें बिल्डर बना रहा है। क्योंकि दिन दूनी रात चौगुनी कमाई करके कहाँ जाएँ फिर खेल शुरू होता है निवेश यानी इन्वेस्टमेंट का।इस दो नंबर के पैसे से अवैध निर्माण कर बहुमंज़िला बिल्डिंग खड़ी करते हैं बिल्डर । भूखण्डों के बिना पुनर्गठन,बिना स्वीकृति,बिना नक़्शे, ले-आउट प्लान के बहुमंज़िला बिल्डिंग्स में 15-18 फ्लैट्स का निर्माण इनकी आदत में शुमार हो गया है। निगम से स्वीकृति हो भी तो स्वीकृति से ज़्यादा दोगुने-चौगुने फ़्लैट्स बनाकर इनकमटैक्स की चोरी,सरकारी रेवेन्यू की चोरी कर रहे हैं ये बिल्डर। नगर निगम से सांठगांठ कर अब तो सड़क पर अतिक्रमण करने पर उतर आए हैं बिल्डर।

यह नज़ारा रामगली न.02,बहुमंज़िला,कॉर्नर पर 2-3 प्लॉट्स को बिना भूखण्ड के पुनर्गठन के,बिना नक़्शा,ले आउट प्लान पास करवाये,बिना स्वीकृति के अवैध निर्माण कर 5-6 फ़ीट बालकनी आगे निकाल कर बिल्डर ने अपना तो उल्लू सीधा कर लिया लेकिन गली की आबोहवा और सड़क की साइज़ को ग्रहण लगा दिया।

इसी बिल्डर के 7-8 अवैध निर्माण और चल रहे हैं। निगम को अपनी मुट्ठी में बताते यह बिल्डर । मालवीय नगर जोन,नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों-कर्मचारियों,वार्ड 149 की पार्षद स्वाति परनामी की पूर्ति करने के बाद इस बिल्डर ने दोनों हाथों से समेटना शुरू कर दिया है। साल में 5-6 बार विदेश यात्रा करते यह बिल्डर शासन-प्रशासन से बिल्कुल ख़ौफ़ नहीं खाते बल्कि यह और दर्शाते और कहते हैं कि यह तो हमारी जेब में रहते हैं। बिल्डरों का यह सारा खेल इनकमटैक्स और निगम की रेवेन्यू को करोड़ों का चूना लगा रहा है।





Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »