क्या रेल की पटरी पर शराब पीकर लेट जाना कोई अपराध नहीं? क्या शराब पीकर रेलवे प्लेटफॉर्म पर हंगामा खड़ा करना कोई अपराध नहीं? कोटा रेलवे स्टेशन का एक दृश्य यही साबित करता है । कोटा रेलवे जंक्शन पर पुलिसकर्मी का व्यवहार यही मैसेज पब्लिक में दे रहा है ।
शराबी व्यक्ति के पास कोई टिकट नहीं, कोई आईडी नहीं ! पत्नी से शराब पीकर झगड़ा फिर नाराज़ होकर रेल पटरी पर जाकर सो गया । आसपास भीड़ में किसी ने रेलवे पुलिसकर्मी को ढूंढा और बुलाया रेलवे पुलिसकर्मी उसे पटरी से आवाज़ लगाकर धमकाता है और उठाता है और उस शराब में धुत्त व्यक्ति को कुछ पूछता है । शराबी पत्नी का ज़िक्र करता है। रेलवे पुलिसकर्मी उसे पकड़ कर लाता है और लाकर उल्टा पत्नी को ही धमकाता है। महिला मना करती है कि यह मेरे साथ नहीं जा रहा उसका कोई टिकट भी नहीं उसके बावजूद रेलवे पुलिसकर्मी महिला पर ही ज़ोर आजमाइश करता नज़र आ रहा है और दबाव बना रहा है कि इसको साथ लेकर जाओ या इसका आईडी लाओ।
अब कुछ और प्रश्न भारतीय रेलवे विभाग से-1. व्यक्ति शराब पीकर प्लेटफॉर्म पर आज़ादी से घूम रहा है लोगों से टकरा रहा है क्या यह उसका ज़ुर्म नहीं? 2. बिना टिकट आईडी के वह प्लेटफॉर्म पर कैसे आया? 3.ट्रेन आने के ठीक 5 मिनट पहले उसका रेल पटरी पर सो जाना क्या जघन्य अपराध नहीं। रेलवे नियमों का उल्लंघन नहीं? 4. पारिवारिक झगड़े के चलते अन्य यात्रियों को असुविधा,रेलवे प्रशासन प्रबंधन में बाधा नहीं? 5. रेलवे पुलिसकर्मी का एकतरफ़ा व्यवहार एवम निर्दोष स्त्री पर हावी होना क्या स्त्रियों के प्रति पुलिस के रवैय्ये को उजागर नहीं कर रहा? 6.रेलवे पुलिसकर्मी का शराबी पर कोई कार्यवाही नहीं , करना रेलवे नियमों की वास्तविक स्थिति को बयां नहीं करता? 7.क्या रेलवे नियमों का उल्लेख हर प्लेटफॉर्म पर नहीं होना चाहिए कि लोगों सतर्क व जागरूक रहें ? 8.भारतीय रेलवे प्लेटफॉर्म के नियमों उल्लंघन करने पर सजाओं की धारा या प्रावधान का विवरण प्लेटफॉर्म पर नहीं होना चाहिए? 9.क्या रेलवे पुलिसकर्मी का निर्दोष स्त्री को फटकारना,दबाना या धमकाना उचित था? 10. आख़िर रेलवे पुलिसकर्मी ने उस शराबी व्यक्ति पर कार्यवाही क्यों नहीं की जब तक कि मैंने जागरूक नागरिक के रूप में इस पर विरोध दर्ज़ नहीं कर दिया? 11.क्या आसपास जमा भिड़ केवल तमाशाबीन ही थी इस पूरे वाकये में?