13 अप्रैल को हाई कोर्ट में पेश हुई तथ्यात्मक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। एसओजी ने पहली बार संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी मां मोहन कंवर व पिता शंकर सिंह शेखावत, पत्नी नौनंद कंव और साले अशोक राठौड़ समेत 68 जनों को आरोपी बनाया है।
जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच के समक्ष सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, उनके सहयोगी एएजी अनिल जोशी व वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पैरवी की।
सिंघवी ने कहा- ‘शेखावत की याचिका पर बहस के दौरान, उन्हें मामले में आरोपी नहीं बताया गया था। लेकिन एसओजी की जांच में वे आरोपी हैं। संशोधित आदेश में इस तथ्य को जोड़ा जाए।’ इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। हालांकि अगली सुनवाई 30 मई को होगी। लेकिन तब तक शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक भी बरकरार रहेगी।