विधायक सियासी संकट के बादल लेकर घूम रहे हैं और जनसम्पर्क विभाग संयुक्त निदेशक अरुण जोशी बन रहे कोढ़ में खाज़ !
शालिनी श्रीवास्तव : जयपुर हिलव्यू समाचार। अशोक गहलोत के सूचना एवम जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक अरुण जोशी गहलोत सरकार के लिए कोढ़ में खाज़ का काम कर रहे हैं , जहाँ एक ओर अशोक गहलोत के ही विधायक अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ बयानबाजी करते नज़र आते हैं इधर सचिन पायलेट अशोक गहलोत की वादे ख़िलाफ़ी पर अनशन कर अपनी ही सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं । ऐसे में अरुण जोशी भी गहलोत सरकार को डुबाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
सूचना एवं जनसंपर्क में 34 लाख के गबन आरोपों से घिरे संयुक्त निदेशक अरुण जोशी मीडिया को भी अपनी कारस्तानियों से लगातार नाराज़ करते आ रहे हैं। 12 अप्रैल महँगाई में राहत कैम्प की प्रेस वार्ता सीएम हाउस में आयोजित की गई थी इस प्रेस वार्ता में अरुण जोशी के प्रबन्धन से विधायक और पत्रकार दोनों नाराज़ नज़र आये । यही नहीं इन कमियों के साथ-साथ प्रेसवार्ता में आमंत्रित पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार कर अरुण जोशी ने कांग्रेस सरकार की कार्यनीति और व्यवहार पर कई प्रश्न खड़े कर दिए ।
इन स्थितियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सूचना एवं जनसंपर्क के संयुक्त निदेशक अरुण जोशी जैसे अधिकारियों की पत्रकारों के प्रति एक तरफ़ा व पक्षपात की नीति कांग्रेस के अस्तकाल का कारण बनेगी। अरुण जोशी मनमानी कर कुछ चहेते पत्रकारों को समय-समय पर लाभान्वित तो करते ही हैं और तो और सीएम या अन्य किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ चुनिंदा पत्रकारों को सूचीबद्ध कर शेष मीडियाकर्मियों के साथ दुभात करते नज़र आते हैं।
मीडिया का स्तर उसकी ख़बरों से आंका जाता है न कि उसके केवल नाम से यह अरुण जोशी जैसे अधिकारियों की समझ से बाहर की बात है। इनकी अभद्र,अनैतिक व पक्षपात की अनर्गल कार्यप्रणाली व व्यवहार अशोक गहलोत के सौम्य व्यवहार एवं पत्रकारों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार को नजर लगाने के साथ ही कॉंग्रेस सरकार को ग्रहण लगाने का काम कर रही है।