श्री गोविन्द सिंह पार्क गुरुनानकपुरा,राजापार्क में कीर्तन दरबार आयोजित, राजधानी के दिल राजापार्क की धड़कन है गोविंद मार्ग स्थित गुरुद्वारा।
श्री गुरु सिंह सभा के जॉइंट सेक्रेटरी हरविंदर सिंह से हुई बातचीत , 13 अप्रैल सन् 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना , गुरु गोविंद सिंह जी ने पाँच प्यारे बनाये और उन्हें अमृत चखाया ।
श्री गोविन्द सिंह पार्क गुरुनानक पुरा,राजापार्क में दीवान का आयोजन
जयपुर में राजापार्क पंजाबी बाहुल्य का क्षेत्र है ऐसे में यहाँ की शोभा इस दिन देखने लायक़ होती है।राजधानी का दिल राजापार्क है और उसकी धड़कन है गोविंद मार्ग स्थित गुरुद्वारा। इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के जॉइंट सेक्रेटरी हरविंदर सिंह जी से बैसाखी पर्व पर हिलव्यू समाचार से हुई विशेष बातचीत ।
भारत में सिख समाज आस्था,दर्शन,उत्साह और त्याग बलिदान में एक विशेष पहचान रखता है। देश की परम्परा और संस्कृति की जीवंतता इनके जीवन जीने के तरीक़े,खान-पान और वेशभूषा से महसूस की जा सकती है। देश की आज़ादी में विशेष योगदान देने वाला सिख समाज हर्षोल्लास और उत्साह में भी अपनी एक विशेष पहचान रखता है। बैसाखी पर्व को सिख समुदाय के लोग प्रतिवर्ष नए साल के रूप में मनाते हैं। इस दिन सिख समुदाय के लोग ढोल-नगाड़ों पर नाचते-गाते हैं। गुरुद्वारों को सजाया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन कराए जाते हैं। लोग एक-दूसरे को नए साल की बधाई देते हैं। घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लोग अपने घरों को लाइटिंग से सजाते हैं। इस दिन कई जगह मेले भी लगते हैं। यह पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है।
बैसाखी का त्यौहार 02 उद्देश्य से मनाते हैं। यह फसलों की कटाई का वक़्त होता है और इस उत्सव को हर्षोल्लास से मनाया जाता है। साथ ही बैसाखी के दिन सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने 13 अप्रैल सन् 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी। खालसा मतलब खालिस बंदा यानी प्योर पवित्र….जिसका उद्देश्य समाज में समरसता और समाज की सेवा करना है। इसमें गुरु गोविंद सिंह जी ने पाँच प्यारे बनाये और उन्हें अमृत चखाया और स्वयम भी उनसे अमृत चखा।
बैसाखी पर्व तैयारियाँ ज़ोरों पर है गुरुनानकपुरा में कल बैसाखी पर्व पर कई कार्यक्रम होंगे।श्री गोविन्द सिंह पार्क गुरुनानक पुरा,राजापार्क में बहुत बड़ा कीर्तन दरबार का आयोजन होगा। दीवान में कीर्तन करने वाले दिल्ली अमृतसर से दूर दूर से आये हैं। दीवान कीर्तन दरबार के हिसाब से किया जाता है।जिसमें कीर्तन होते हैं। इसे खालसा साजना दिवस कहते हैं। जैसा कि मैंने आपको बताया श्री गोविन्द सिंह पार्क गुरुनानक पुरा,राजापार्क में दीवान का आयोजन होगा। इस अवसर पर हिलव्यू समाचार भी पूरे देशवासियों को बैसाखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देता है