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जयपुर की चोखी ढाणी दे रही मौत को दावत

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चोखी ढाणी टोंक रोड़ परोस रहा मौत ,चोखी ढाणी पर मंडरा रहा मौत का साया हर क्षण ,वाटिका विद्युत विभाग बन रहा मौत का सौदागर ,एईएन राजेन्द्र मीणा की भूमिका भी है संदिग्ध नहीं दे रहे कोई जवाब ,

हाईटेंशन लाइन के नीचे कैसे विकसित हो गया चोखी ढाणी रेस्टोरेंट टोंक रोड़,जयपुर ,देशी-विदेशी पर्यटकों के अटेंशन का गढ़ हाईटेंशन लाइन की गिरफ़्त में। आख़िर जेडीए, वाटिका विद्युत विभाग एवं स्वयं रेस्टोरेंट मालिक को क्यों नहीं टेंशन सर पर झूल रहे मौत के साये की , चोखी ढाणी रेस्टोरेंट में सर पर झूल रहे मौत के साये ,

राजधानी जयपुर में “चोखी ढाणी” जाना माना नाम है। हॉस्पिटेलिटी सर्विसेज इंडस्ट्री में होटल के साथ-साथ राजस्थानी थीम पर बसा हुआ रेस्टोरेंट चोखी ढाणी राजधानी ही नहीं देश-विदेश में आकर्षण का केंद्र है किंतु बड़े आश्चर्य की बात है कि चोखी ढाणी,टोंक रोड़ बड़ी का बांस रूड ,जयपुर पर हाईटेंशन लाइन चोखी ढाणी के रेस्टोरेंट के बीचोंबीच ठीक ऊपर से गुज़र रही है जिसके नीचे लकड़ियों व घासफूस से बने हैरीटेज लुक के घर और साज सामान मौजूद रहते हैं हर वक़्त और जबकि उसमें हर दिन सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता है-

◆आख़िर जयपुर विकास प्राधिकरण और जयपुर विद्युत वितरण निगम ने इन्हें हाइटेंशन लाइन के नीचे रेस्टोरेंट बनाकर चलाने की अनुमति कैसे और किन परिस्थितियों में दे दी? ◆आख़िर क्या वजह है इतना बड़ा ख़तरा इन दोनों विभागों को नज़र नहीं आ रहा कि हर क्षण मौत का साया वहाँ आने वाले विदेशी और भारतीय अतिथियों पर मंडरा रहा है यहाँ तक कि वहाँ काम करने वाले भी इस ख़तरे का शिकार कभी भी हो सकते हैं ?

हाईटेंशन लाइन के बायलॉज नियम यह कहते हैं कि हाईटेंशन लाइन के 23 से 35 फुट के दायरे में कोई रिहायशी या व्यवसायिक निर्माण नहीं होना चाहिए, लेकिन यहां तो चोखी ढाणी के देखादेख इसके इर्द-गिर्द कई जगहों पर लोगों ने हाईटेंशन लाइन के नीचे दो-दो मंजिल तक मकान व होटल बना लिए हैं क्यों? विशेषज्ञों के अनुसार, हाईटेंशन तारों के चारों कॉरीडोर में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बना होता है, जिसकी परिधि में आने वाली किसी भी वस्तु को ये तार अपनी ओर खींच सकते हैं। आमतौर पर अगर कोई मनुष्य इसकी चपेट में आ जाए तो कुछ ही सेकंड में उसकी मौत हो जाती है लेकिन न यहाँ न मासूम लोगों के जान की परवाह है और न नियमों,क़ानून, कायदों का अस्तित्व । मिलीभगत और आपसी फिक्सिंग से सब नियम ताक में रखकर इस कदर जेडीए और बिजली विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है कि मौत की छांव में आशियाना बन रहे हैं अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो पल भर में ज़िंदगी मौत के मुँह में समा जाएगी।

जयपुर विकास प्राधिकरण और विद्युत विभाग ने ज़िम्मेदारी से मोड़ा मुंह , जयपुर विकास प्राधिकरण का काम है इस दायरे में ग्रीन बेल्ट विकसित करना और इसके दायरे में हो रहे अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों पर सख़्ती से रोक लगाना और सरकारी पब्लिक नोटिस के जरिये भी लोगों को निर्देशित करें कि वे अपना हाईटेंशन लाइन के नीचे किया गया अतिक्रमण अवैध निर्माण हटा लें नहीं तो किसी भी प्रकार की दुर्घटना के लिए लोग स्वयं जिम्मेदार होंगे और स्वयं विभाग ही कड़ी कार्यवाही द्वारा ये अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाये। हाईटेंशन लाइन पहले बनती हैं और बाद में उनके नीचे व आसपास निर्माण किया जाता है और इन हाईटेंशन लाइनों को शिफ्ट किया जाना संभव नहीं होता। उसके लिए जेडीए को नोटिस बोर्ड पहले से लगा देना चाहिए ताकि लोग वहाँ व्यवसायिक या घर का निर्माण न करें।

इस सम्बंध में लगातार जेडीए और वाटिका विद्युत भवन व विधानसभा स्थित विद्युत विभाग से भी सम्पर्क किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वाटिका के एईएन राजेन्द्र मीणा को लगातार संपर्क किया गया कार्यालय में, फोन कॉल करके ,वाट्सअप भेजकर लेकिन कोई जवाब नहीं आया जो इस मामले को और संदिग्ध बनाता है।सरकार को इस ओर सख़्ती से ध्यान देने की आवश्यकता है जेडीए और विद्युत विभाग को पाबंद करने की आवश्यकता है अन्यथा दुर्घटना ही सबक बनेगी इस भ्रष्टाचार और मिलीभगत का।





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