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राजनीतिक उपेक्षा का शिकार सवर्ण समाज

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सत्ताधारी दलों द्वारा सवर्ण समाज राजनीतिक उपेक्षा का शिकार होता रहेगा कब तक: डॉ आर सी गुप्ता

जयपुर। राष्ट्रीय सवर्ण दल की प्रेस वार्ता का आयोजन रविवार को पिंक सिटी प्रेस क्लब जयपुर में दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर सी गुप्ता व राष्ट्रीय संयोजक डॉ.सी पी गुप्ता के आतिथ्य में आयोजित किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि सरकारों द्वारा सभी आयोगों का गठन किया गया है लेकिन सवर्ण आयोग का गठन नहीं किया जाना राजनीतिक दलों द्वारा सवर्ण समाज के लिए सोचनीय बिंदु है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को संसद में बदलकर भाजपा नीत सरकार में वीपी सिंह के समय मंडल कमीशन अटल बिहारी वाजपेई के समय पदोन्नति में एसटी और एससी सरकारी कर्मचारियों का आरक्षण तथा मोदी सरकार में एसटी एससी एक्ट मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद में बदलने में सभी दल एक थाली के चट्टे बट्टे नजर आए। प्रत्येक सत्ता लोलुप्त राजनीतिक दलों द्वारा सवर्ण समाज के भविष्य के लिए कोई सामने नहीं आता सब दलित व मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं जहां सवर्ण आप को ठगा सा महसूस कर रहा है और उपेक्षा का शिकार होकर गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपनी सत्ता प्राप्ति के लिए सभी हथकंडे अपनाते हैं लेकिन हमारे सवर्ण समाज के जनसंख्या अगर 30% में से 10% मतदाता फूट डालो जाति धर्म के नाम पर राजनीतिक दलों का विरोध स्वतंत्र अभिव्यक्ति गुप्त मतदान द्वारा करेगा तो यह सत्ता के लालची दल स्वयं सोचने को मजबूर होंगे और हम जब तक भाजपा कांग्रेस बसपा सपा को मतदान करते रहेंगे तब तक हमारी भविष्य की चिंता कोई करने वाला नहीं है।
सामाजिक जागृति से राजनीतिक बदलाव संभव है
उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर सबसे महत्वपूर्ण नागराजन याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में फैसले के आधार पर सरकार स्वीकार नहीं कर रही है ना ही कोई समीक्षाएं कर रही है यह एक तरीके से सर्वोच्च न्यायालय का अपमान है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय सवर्ण दल राजस्थान में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रयास करेगा जिसके लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है।
मीडिया प्रभारी नागपाल शर्मा ने बताया कि प्रेस वार्ता को संबोधित करते दल के राजस्थान प्रदेश संयोजक के संयोजक देशबंधु जोशी ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन्हें लेकर भाजपा कांग्रेस बसपा सपा सभी राजनीतिक दल एक हैं जिनमें मुख्य रूप से सभी वर्गो का आयोगों का गठन कर रखा है केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा सवर्ण आयोग का गठन आयोग का क्यों नहीं?
राजस्थान की 200 से बढ़ाकर 250 विधानसभा क्षेत्र परिसीमन स्वीकार करने की करी मांग
इसी के साथ जोशी ने कहा कि राजस्थान की 1991 जनसंख्या के आधार पर 200 से बढ़ाकर 250 विधानसभा क्षेत्र परिसीमन स्वीकार करने के लिए रिपोर्ट दी थी जिसमें राज्य सरकार ने उस वक्त पुराने विधानसभा भवन में 250 विधायकों को बैठाने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं होने की बात कहकर नया विधानसभा भवन बन जाने तक रिपोर्ट को स्वीकार करने में अपनी असमर्थता जताई लेकिन 2008 में नया विधानसभा भवन चालू हो जाने के बाद अभी तक कोई भी राजनीतिक दल राजस्थान के विधानसभा नई परिसीमन को स्वीकार करने की चर्चा नहीं करता। अगर विधानसभा क्षेत्रों का संख्या बढ़ती है जनता को सुविधा मिलेगी और जनप्रतिनिधियों पर भार कम होगा और विकास को बढ़ावा मिलेगा लेकिन राजस्थान सरकार एवं विपक्षी पार्टियां कुछ मुद्दे को लेकर कभी सामने नहीं आती क्योंकि राजनीतिक दलों और सरकार को क्या दिक्कत है।
इस मौके पर दल के राष्ट्रीय महामंत्री रतन देव वार्ष्णेय, प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के के शर्मा, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा और प्रदेश अध्यक्ष युवा उत्तर प्रदेश सागर शर्मा, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बेनी प्रसाद कौशिक, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष केके चौधरी और प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सिंह डागुर, सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर राजीव गर्ग, एडवोकेट रमेश चंद शर्मा, आरजेएबीपी के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष गोपी रमण शर्मा, आरएसवीपी राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बाबा त्रिलोक तिवारी, तथा सवर्ण दल की महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति शर्मा, जयपुर शहर अध्यक्ष केशव निवाना, दशरथ सिंह शेखावत सुभाष शर्मा सीताराम भाटी केशव शर्मा मौजूद रहे। अंत में बेनी प्रसाद कौशिक ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया मंच का संचालन एडवोकेट रमेश चंद शर्मा ने किया।




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