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आचार्या हिमानी शास्त्री द्वारा होली और नारी का सरोकार लाइव टॉक शो आयोजित

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जयपुर हिलव्यू समाचार। आचार्या हिमानी शास्त्री द्वारा होली और नारी का “सरोकार” लाइव टॉक शो का आयोजन शहर के प्रतिष्ठित होटल में किया गया।आचार्या हिमानी शास्त्री ने बताया कि होली हमेशा से उल्लास और रंगों का त्यौहार माना जाता है और इस बार यह महिला दिवस के साथ ही मनाया जा रहा है। भारत में हर त्यौहार महिलाओं के इर्दगिर्द ही केंद्रित रहते हैं और इनमें होली को विशेष स्थान प्राप्त है।

सामाजिक व्यवस्था कुछ ऐसी है कि इस त्यौहार को नारी के आनंद और मौज मस्ती के रुप में देखा जाता है किंतु इसके कई पहलू हैं। कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक !पहले महिला घरवालों की बंदिशों में रहती हैं और सोचती है शादी के बाद कुछ आज़ादी मिलेगी और होली अपने अंदाज़ में मनाऊँगी; लेकिन ससुराल में फिर वही बंदिशें और आडंबर आ जाते हैं । ऐसे में आख़िर महिला रसोई घर और घरवालों के लिए होली के इंतज़ामों में ही लगी रह जाती है । यह बात तो सिर्फ एक होली के त्यौहार की है, लेकिन इसके ज़रिए हम महिलाओं को बताना चाहती हैं, कि किसी भी त्यौहार या दिन को वह भी वैसे ही सेलिब्रेट करना चाहती हैं जैसे पुरुष व घर के अन्य सदस्य। अतः दोहरी मानसिकता को तोड़कर बाहर आना ही होगा इसकी पहल खुद स्त्री को करनी होगी।

सरोकार के मंच पर महिलाओं ने अपनी सुखद दुखद और खट्टी मीठी बातें शेयर कीं जो जाने अनजाने होली के त्यौहार से जुड़ी हुई हैं। कुछ ज्वलंत प्रश्नो पर चर्चा की गई- 1. होली महिलाओं के लिये कहीं केवल नमकीन मिठाई बनाने और मेहमानों की मनुहार तो बन कर नहीं रह गया है? 2. कुछ परिवार इसे बेहद उन्मुक्त तरीके से खेलते हैं जिसकी वजह से परिचित पुरुष महिलाओं को रंग लगाने के नाम पर बेहूदगी करतें हैं। तो इसकी सीमा कैसे तय हो? 3. कुछ परिवार होली खेलना बिल्कुल ही पसन्द नहीं होता तो ऐसे में महिलाओं के मन का रंग फीका ही रह जाता है, इस नीरसता को कैसे सुलझाएँ? 4. होली क्यों मनाई जाती है और इसका मौसम परिवर्तन से क्या सरोकार है? 5. जल की कमी और स्वास्थ्य में इस दौरान आ रहे परिवर्तनों को लेकर कैसे ख्याल रखें खुद का और परिवार का इस तरह के कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

इसमें राम सिंह राव,राज्य मंत्री व चेयरमैन वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी ने प्रदेशवासियों को विशेष संदेश देते हुए कहा कि धर्म और आस्था में आधुनिकता के साथ-साथ पौराणिकता भी जीवित रहे और हम अपनी संस्कृति व संस्कारों को जीवंत रखें यह हर त्यौहार की विशेषता होनी चाहिए। महिलाओं को संदेश देते हुए राव ने कहा कि महिला संसार की शक्ति है और इस शक्ति के साथ संस्कार जीवित रहते हैं अतः स्त्री के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता ।

वक्ता अतिथि के रूप में प्रियंका जैन रजिस्टर्ड डायबिटीशियन,डॉ सीमाथनी चतुर्वेदी असिस्टेंट प्रोफेसर मैनेजमेंट,डॉ पूनम शर्मा शिक्षाविद,एकता अग्रवाल पूर्व प्रदेश महामंत्री महिला मोर्चा भाजपा,डॉ नेहा प्रसाद स्कीन स्पेशलिस्ट ने महिलाओं के बीच अनुभव व विचार साझा किए। इस दौरान शहर की अलग-अलग फील्ड की महिलाएं एकत्रित हुई और होली व महिला दिवस सेलिब्रेट किया इसमें लगभग 100 महिलाओं ने हिस्सा लिया ।




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