BREAKING NEWS
Search
HS News

हमें अपनी खबर भेजे

Click Here!

Your browser is not supported for the Live Clock Timer, please visit the Support Center for support.

पहली बार कर्तव्य पथ पर दुनिया ने देखी हिंदुस्तान की विराट ताक़त

187

भारत ने किया पूरी दुनिया के सामने अपने शौर्य, सांस्कृतिक विरासत, सैन्य क्षमता और अपनी शानदार ताक़त और दम का प्रदर्शन और रचा इतिहास : एडवोकेट किशन भावनानी

वैश्विक स्तरपर भारत ने 26 ज़नवरी 2023 को पहली बार कर्तव्य पथ पर परेड कर दुनिया को अपना दम ताकत और आत्मनिर्भर भारत की गाथा सहित 23 झांकियों का प्रदर्शन कर इतिहास रचा जिसे सारी दुनिया ने हैरत भरी नज़रों से देखा कि इतनी तेजी से भारत विकास के झंडे गाड़कर आगे बढ़ रहा है, इसकी प्रेरणा दुनिया के तमाम विकासशील देशों ने लेना चाहिए ताकि जिसका ज़ज्बा जांबाज़ी और हसरतें हो तो सफ़लताज़रूर सलामी ठोकती है,जिसका सापेक्ष उदाहरण आज भारत है।
74 वें गणतंत्र दिवस परेड 2023 में इस बार मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी रहे और परेड में भी वहां की सैनिक टुकड़ी शामिल हुई।सबसे खूबसूरत रहा स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले। लाइट कंबैक्ट टेलेकॉस्टरार डेयर डेविल्स की टीम को महिला अफसर ने लीड किया। परंतु रेलवे मंत्रालय और पंजाब की झांकी नहीं दिखी, विशेषता यह थी कि कोरोना से पहले करीब सवा लाख लोग परेड में शामिल होते थे परंतु अभी करीब पैंतालीस हजार शामिल हुए क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है जिसे करीब12 हज़ार पासेस और 32 हज़ार टिकटें ऑनलाइन बिके थे जो,20, 100 और 500 प्रति टिकट शुल्क के थे। इस बार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था के लिए अलग से इंतजाम किया गया था क्योंकि 26 जनवरी 2023 को पहली बार गणतंत्र दिवस कर्तव्य पथ पर दुनिया ने देखा, हिंदुस्तान की विराट ताकत, क्योंकि स्वदेशी सैन्य साधनों का शानदार प्रदर्शन था इतिहास रचा गया। इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि
“यह भारत देश है मेरा, जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा यह भारत देश है मेरा”

साथियों बात अगर हम इतिहास रचने की करें तो,कर्तव्य पथ इस बार देश ने इतिहास बनते देखा, देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने परेड की सलामी ली। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ। राष्ट्रपति ने कर्तव्य पथ से राष्ट्र का नेतृत्व किया। इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि थे। इससे पहले पीएम ने वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री, सीडीएस, तीनों सेनाओं के सेना प्रमुख मौजूद रहे। इसके बाद पीएम कर्तव्य पथ पहुंचे, यहां उन्होंने राष्ट्रपति का स्वागत किया। इस मौके पर कर्तव्य पथ परेड निकाली गई, इस परेड में भारत का स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति की ताकत नजर आई। कर्तव्य पथ पर आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक जैसे घातक हथियारों ने सेना के शौर्य को दिखाया, आसमान में प्रचंड और राफेल समेत 50 विमानों की उड़ान ने सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की. ये दृश्य हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा करने वाला रहा। 90 मिनट की परेड में 23 झांकियां भी दिखीं. इनमें राज्यों की और मंत्रालयों विभागों की झांकियां शामिल रहीं। जहां यूपी की झांकी में अयोध्या की झलक दिखी, तो वहीं गृह मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत की झांकी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की झांकी में ‘नारी शक्ति’ को दर्शाया गया।आखिर में भारतीय सेनाओं के 50 विमानों ने फ्लाई पास्ट किया। 

साथियों बातअगरहम ऐतिहासिक वंदे भरतम कार्यक्रम की करें तो, संस्कृति मंत्रालय का सांस्कृतिक कार्यक्रम वंदे भारतम कार्यक्रम आज नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस समारोह में प्रमुख आकर्षणों में से एक रहा। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता से चुने गए 479 कलाकारों ने ‘नारी शक्ति’ विषय पर पूरे देश के सामने प्रदर्शन किया। भव्य परेड के दौरान, कलाकारों ने अपने जीवंत और ऊर्जावान प्रदर्शन के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सच्ची भावना में भारत की विविध सांस्कृतिक एवं कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया। गणतंत्र दिवस समारोह में आज कर्तव्य पथ पर संस्कृति मंत्रालय की ‘शक्ति रूपेण संस्थिता’ शीर्षक वाली रंगीन झांकी भी दिखाई गई। झांकी देवी के ‘शक्ति’ रूप पर आधारित है। इस झांकी के माध्यम से कई लोकनृत्यों को एक मंच पर उतारा गया।
भारत का संविधान पूरी दुनिया में सबसे लंबा लिखित संविधान है। मूल रूप से इसमें 395 लेख थे, जो 22 भागों और 8 अनुसूचियों में विभाजित थे। भारत के संविधान के अनुसार भारत एक संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है, जो अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देता है, और उनके बीच बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। भारत देश बाबासाहब भीमराव आम्बेडकर का सदैव ऋणी रहेगा, जिन्होंने प्रारूप समिति की अध्यक्षता की और संविधान को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज के दिन हमें संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने वाले विधिवेत्ता श्री बी.एन. राव तथा अन्य विशेषज्ञों और अधिकारियों को भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने संविधान निर्माण में सहायता की थी।  हमें इस बात का गर्व है कि उस संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के सभी क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व किया। संविधान निर्माण में सभा की 15 महिला सदस्यों ने भी योगदान दिया।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »