(बसंत पंचमी पर विशेष) तुषार शर्मा “नादान”गरियाबंद-छत्तीसगढ़
नमन है मां वीणापाणिनी
वंदना वीणापाणि की*
नमन है मां वीणापाणि
चरण में पुष्प चढ़ाता हूँ।
तिलक करता हूं चंदन से,
तुम्हें कुमकुम लगाता हूँ।।
मैं अपना शीश झुकाता हूँ
दया कर दो वागेश्वरी
शरण मैं तेरी आया हूँ।।
नमन है मां…………….
हो विद्या की तुम्हीं देवी,
तुम ही ज्ञान दाता हो।
तुम्हीं संगीत की जननी,
तुम्हीं त्रिकाल ज्ञाता हो।।
तुम्हारी ही कृपा से मां
तेरी महिमा मैं गाता हूँ।
नमन है मां……………(1)
है हाथों में स्फटिक माला,
वेद ग्रंथों को धारी हो।
विराजी श्वेत पंकज पर,
श्वेतांबर ही पधारी हो।।
करे नादान नित सुमिरन
तेरा आशीष पाता हूँ।
नमन है मां………….(2)
नमन है मां वीणापाणि,
चरण में पुष्प चढ़ाता हूँ।।