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1968 से 2022 तक के 1.21 लाख मामलों का मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने किया निस्तारण

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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में 1.21 लाख मामलों का किया निस्तारणसबसे पुराना मामला था सन 1968 का

दिनेश शर्मा ‘अधिकारी‘ स्पेशल स्टोरी

नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जनवरी 2022 से, उच्च न्यायालय की सभी 3 बेंच 30 मिनट की अतिरिक्त अवधि के लिए काम कर रही हैं, जिससे मामलों के निपटान में परिणामी वृद्धि हुई है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मालिमथ ने गुरुवार को कहा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में 1,21,041 मामलों का निस्तारण किया और इस तरह का सबसे पुराना मामला वर्ष 1968 का था।
मुख्य न्यायाधीश (सीजे) 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उच्च न्यायालय में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “वर्ष 2022 में 1,21,041 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। सबसे पुराना मामला जो निपटाया गया है वह वर्ष 1968 का था। वर्ष 1984 व 1987 के 35-40 वर्ष पुराने दो प्रकरणों का निस्तारण किया गया। 30-35 वर्षों से लम्बित पड़े चार प्रकरणों का निस्तारण किया गया। 144 मामले 25-30 साल से लंबित, 1,039 मामले 20-25 साल से लंबित, 15-20 वर्षों से लंबित 1,565 मामले, 10-15 वर्षों से लंबित 2,400 मामले, 5-10 वर्षों से लंबित 6,670 मामले और पिछले पांच वर्षों से लंबित 1,09,216 मामलों का निस्तारण किया गया।”
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जनवरी 2022 से, उच्च न्यायालय की सभी 3 बेंच 30 मिनट की अतिरिक्त अवधि के लिए काम कर रही हैं, जिससे मामलों के निपटान में परिणामी वृद्धि हुई है।
मुख्य न्यायाधीश मालिमथ ने अपने भाषण में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदानों को भी याद किया।




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