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अधिगम संस्थान ही नहीं पूरा गोपालपुरा बायपास है अवैध निर्माणों व अतिक्रमणों का अड्डा

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अधिगम कोचिंग संस्थान के अलावा सैकड़ों अवैध निर्माणों से भरा पड़ा है मुख्यमार्ग गोपालपुरा बायपास। जिस पर सरकार व जेडीए को गंभीरता से कार्यवाही करने की आवश्यकता है

स्पेशल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट जो कि गोपालपुरा बायपास के डवलपमेंट के नाम पर जनता के साथ धोखाधड़ी है,अवैध बिल्डिंग्स को वैध बनाने की साजिश है। सरकार के राजस्व के साथ खिलवाड़ है। इस पर जेडीए को व सरकार को पुनः विचार करने की आवश्यकता है।

राजस्थान में सेकेंड ग्रेड टीचर परीक्षा पेपर लीक के मुख्य आरोपी सुरेश ढाका व भूपेंद्र सारण के अधिगम कोचिंग सेंटर पर जेडीए प्रशासन ने अतिक्रमण का हवाला देकर बुलडोज़र चलाने की कार्यवाही को आख़िर गत सप्ताह अंज़ाम दे ही दिया हालांकि दोनों मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
जयपुर विकास प्राधिकण ने अधिगम कोचिंग गोपालपुरा बायपास की बिल्डिंग को ध्वस्त करने का कारण स्पष्ट किया कि —-
◆ कोचिंग की बिल्डिंग दो आवासीय प्लॉट को मिलाकर बनाई गई थी।
◆ जिस कार्नर प्लाट पर कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग बनी हुई है उसमें सरकारी जमीन भी दबाई गई है।
◆ ज़ीरो सेटबैक पर बिल्डिंग का अवैध निर्माण हुआ था।

◆ वर्तमान में इस बिल्डिंग में अधिगम कोचिंग के नाम से कोचिंग क्लासेज का संचालन किया जा रहा था। जो कि पेपर लीक माफ़ियाओं का कोचिंग संस्थान था। गुर्जर की थड़ी में सुख विहार स्थित इस कोचिंग इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग का जेडीए ने मौका मुआयना कर रिपोर्ट तैयार करने के बाद बिल्डिंग के मालिक और कोचिंग संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया । गौरतलब बात यह है कि— ◆पेपर लीक मामले के मास्टर माइंड सुरेश ढाका के अधिगम कोचिंग को जेडीए ने बीते शुक्रवार को धारा-32 और 72 के तहत नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
◆ इसमें जेडीए ने बिल्डिंग मालिक को 3 दिन में अवैध निर्माण को हटाने और नोटिस का जवाब देने का समय दिया
◆ नोटिस का जवाब नहीं देने और अवैध निर्माण को नहीं हटाने के कारण जेडीए ने बिल्डिंग को अवैध करार देते हुए ध्वस्त कर दिया।
◆ इसी तरह 67- C रजनी विहार,हीरापुर भूपेंद्र सारण और गोपाल सारण की बिल्डिंग पर जे डी ए द्वारा नोटिस चस्पा किया गया है कि ज़ीरो सेट बैक पर बनी इस बिल्डिंग से सामान इत्यादि हटा लिया जाए और स्वयं ही अवैध हिस्से को तोड़ दिया जाए अन्यथा पश्चात ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।

अब प्रश्न जेडीए प्रशासन व सरकार से —
◆मुख्य आरोपियों को पकड़ने के बजाए किराए की बिल्डिंग गिराकर माहौल बनाकर जनता में क्या संदेश दिया शासन और प्रशासन ने?
◆ गोपालपुरा बायपास पर बनी सैकड़ों अवैध बिल्डिंग जेडीए को आज तक नज़र क्यों नहीं आईं?
◆गोपालपुरा बायपास की हर बिल्डिंग आवासीय में कमर्शियल एक्टिविटी में लिप्त है फिर केवल एक ही बिल्डिंग पर कार्यवाही क्यों की जेडीए ने।


◆गोपालपुरा बायपास पर किसी भी बिल्डिंग के पास पार्किंग फेसेलिटी नहीं है फिर आज तक इन बिल्डिंग्स पर जेडीए ने कार्यवाही क्यों नहीं की?
◆किसी भी बिल्डिंग मालिक के पास फायर एनओसी और पार्किंग नहीं है इस पर सख़्ती से कार्यवाही क्यों नहीं हुई आज तक शासन या प्रशासन द्वारा?
◆बैसमेन्ट में चलते कोचिंग संस्थान कैसे मान्य हो रहे हैं गोपालपुरा बायपास पर?
◆ट्रैफिक की स्थिति बदतर है कोचिंग संस्थानों के कारण फिर ट्राफ़िक का कोई मैनेजमेंट यहाँ क्यों नहीं है?
◆ यातायात हमेशा बाधित रहता है क्योंकि हज़ारों बच्चे कोचिंग से छूटते हैं।
◆ आवासीय मकानों में पीजी और हॉस्टल के साथ-साथ ढाबे,कैफेटेरिया, कमर्शियल दुकानें, शराब की दुकानें, सैलून्स चल रहे हैं! यह सब जेडीए को नज़र क्यों नहीं आया आज तक?


◆ 67-C रजनी विहार हीरापुर में जीरो सेट बैक पर और भी कई इर्द-गिर्द की बिल्डिंगस है जिन पर भी जे डी ए को कार्यवाही करनी चाहिए।




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