राजधानी में लगातार अवैध निर्माण का दबाव बढ़ रहा है। आवासीय में कमर्शियल एक्टिविटी बढ़ गयी है। हर तरफ़ अतिक्रमण और अवैध निर्माण नज़र आते हैं। शासन-प्रशासन की मिलीभगत और कुछ कथित प्रभावशाली लोगों व कथित पत्रकारों के बलबूते पर ये सारा खेल रचा जाता है। कुछ बिल्डिंग जब सील होती हैं तो बहुत सारे अवैध निर्माण उसी के आसपास होते दिखाई देते रहते हैं लेकिन उन पर कार्यवाही नहीं होती आखिर क्यों… ? ।
राजधानी में हर तरफ़ यही हाल है, मालवीयनगर , मानसरोवर, जगतपुरा, राजापार्क, आदर्शनगर, गोपालपुरा, ग्रेटर और हैरीटेज के सभी इलाके अवैध निर्माण और अतिक्रमण की बीमारी से ग्रस्त हैं क्योंकि सरकार सोई है और प्रशासन मौन है क्योंकि मिलीभगत भी है।
पूरी राजधानी में इसके कई उदाहरण है—जैसे की ◆ गोपालपुरा बायपास की ज़ीरो सेटबैक बिल्डिंग्स व ट्राफ़िक का दबाव, पार्किंग नहीं, कोई फायर एनओसी भी नहीं । गोपालपुरा बायपास की आवासीय बिल्डिंग्स में चलते कमर्शियल कोचिंग संस्थान जो कोचिंग बायलॉज का उल्लंघन कर रहे हैं । ◆राजापार्क आदर्शनगरमें बढ़ता अतिक्रमण और अवैध निर्माण । ◆ गोविंद मार्ग मुख्यमार्गों पर राजापार्क में बढ़ता ट्राफ़िक दबाव और बढ़ती बहुमंज़िला अवैध बिल्डिंग्स ◆ सिंधीकॉलोनी, जवाहरनगर, आदर्शनगर, राजापार्क, फ्रंटियर कॉलोनी के मुख्य रास्तों में बनती जीरो सेटबैक पर बनती बहुमंज़िला अवैध बिल्डिंग ◆ फ्रंटियर कॉलोनी प्लॉट न. 151◆ फ्रंटियर कॉलोनी प्लॉट न.206,208◆ गुरुनानकपुरा प्लॉट न. 392 बनता अवैध पीजी हॉस्टल भवन◆सिंधी कॉलोनी,न्यू राजापार्क अवैध निर्माण प्लॉट C 24,25 कार्य शुरू व 27 ज़ीरो सेटबैक की नज़र आती बहुमंज़िला अवैध बिल्डिंग◆परकोटे में जयपुर कॉलेज,नाना जी की हवेली चौड़ा रास्ता में राजनैतिक रसूख के चलते बिना अनुमति पाँच मंज़िला बनकर तैयार । जबकि हैरीटेज में नवनिर्माण पर रोक के बावजूद लगातार चला काम । मालवीयनगर सुआलाल मार्ग पर आवासीय में कर्मशियल अवैध होटल,अवैध ढाबे,अवैध रेस्टोरेंट बिना आरएमए,फ़ूड लाइसेंस के बिना फायर एनओसी धड़ल्ले से चलते हुए क्यों नज़र नहीं आते शासन और प्रशासन को । बड़ी दुर्घटनाओं के होने का इंतज़ार करती सरकार और इंतज़ार करते प्रशासन के ज़िम्मेदार लोगों के लिए कब बनेगें ये गम्भीर चिंता का सबब ।