गुरुनानकपुरा के पीजी/होस्टल के किरायेनामें कहाँ हैं? ,पीजी/होस्टल की फायर एनओसी कहाँ हैं ,बहुमंज़िला बिल्डिंग्स की परमिशन कहाँ हैं ,बहुमंज़िला बिल्डिंग्स की कमर्शियल परमिशन कहाँ हैं,इन PG / होस्टल्स की पार्किंग कहाँ हैं,PG/होस्टल्स की सुरक्षा व व्यवस्था के लिए गार्ड कहाँ हैं ,कब बन्द होगा राजपार्क में अवैध निर्माणों का सिलसिला ,
प्लॉट न.392,गुरुनानकपुरा, रमेश मदान(काका) द्वारा अवैध निर्माण लगातार जारी । प्लॉट न.392,391 के रमेश मदान (काका) PG के लिए 392 का अवैध निर्माण कर रहे हैं। गुरुनानकपुरा की 40 फिट चौड़ी सड़के सकडी गलियाँ बनती जा रही हैं क्योंकि बिल्डिंग्स में पार्किंग है ही नहीं। सारी गलियाँ व सड़कें पार्किंग से घिर गयीं हैं। पैदल चलना भी आसान नहीं अब यहाँ से। पीजी/हॉस्टल बने इन रेजिडेंशियल बहुमंज़िला मकानों में 10-20 लड़के-लड़कियाँ पेइंग गेस्ट (P G) के रूप में रह रहे हैं और तो और उनके वाहनों का जमावड़ा तो गुरुनानकपुरा की चौड़ी सड़कें खा ही गया है। बिल्डिंग मालिकों की कारें आसपास के एरिया को घेरे हुए हैं। इन होस्टल्स में रह रहे लड़के-लड़कियों की दिन-रात आवाजाही कॉलोनीवासियों का अमन-चैन भी छीन रही है। अज़नबी लोगों व गतिविधियों का संचालन बढ़ गया है। रेजिडेंशियल एरिया धीरे-धीरे कमर्शियल एक्टीविटी का हब होते जा रहे हैं। जिन्होंने वक़्त के साथ PG बना लिए उन्हें कोई परेशानी नहीं है इन सब से लेकिन जिन्होंने नहीं बनाए हैं उनका जीना हराम हो गया है। शासन-प्रशासन की यह खुली छूट लगातार निमंत्रण दे रही है अनजाने में बड़ी मुसीबत को। क्योंकि किसी भी मल्टी स्टोरी में फायर के इंतज़ाम नहीं हैं। न किसी होस्टल/पीजी संचालक ने गार्ड लगा रखे हैं। असामाजिक गतिविधियों को भी इन पेइंग गेस्ट हाउस की वजह से बल मिला है जिसकी वजह से आसपास के मकानों में रहने वाली महिलाओं के लिए वातावरण सुरक्षित नहीं है ।
निगम या शासन-प्रशासन द्वारा की जाने वाली सीजर कार्यवाही का अस्तित्व क्या है? 13 दिसम्बर 2022 को प्लॉट न.386,गुरुनानक पुरा को सीज किया गया। मालवीय नगर जोन नगरनिगम ग्रेटर द्वारा की गई कार्यवाही निःसन्देह सराहनीय है लेकिन क्या महज़ सील कर देना सही समाधान है इन बढ़ती अवैध निर्माण गतिविधियों का? क्या 180 दिन बाद सीजर की विधिवत कार्यवाही पूरी कर अवैध निर्माणकर्ता पुनः सील नहीं खुलवायेगा? जिन नियमों का उल्लंघन किया गया बिल्डिंग बायलॉज के हिसाब से क्या उनकी पालना करेगा आगे से अवैध निर्माणकर्ता? सब प्रश्नों का एक ही जवाब है ‘नहीं’….तो फिर इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया क्यों नहीं अपनायी जाती ताकि सबक बने अवैध निर्माणकर्ताओं के लिये यह ध्वस्तीकरण और बन्द हों अवैध निर्माणों का सिलसिला!!!