जयपुर के गोविंदगढ़ के पास नरसिंहपुरा गांव में हुई यह अनोखी शादी
भगवान विष्णु जी से विवाह करने के पश्चात पूजा ने अपना जीवन अपने ही निवास पर बिताने की सोची है।
दिनांक 8 दिसंबर 2022 पूर्णिमा को संपूर्ण रीति रिवाज के अनुसार भगवान से पूजा का विवाह संपन्न हुआ । विवाह संस्कार में पीले चावल मेहंदी की रस्म हल्दी रस्म महिला संगीत सहित सभी रस्में संपन्न हुई ।
इस अनूठी पहल में पूजा सिंह की माता रतन कवर ने अपना सहयोग और संपूर्ण भाव से कन्यादान और विवाह की सभी रस्मों को अदा किया।
माता रतन देवी को जब पहली बार पूजा ने अपने विवाह का जो प्रस्ताव रखा उसे सहज स्वीकार कर लिया और कहा कि जीवन में भगवान के प्रति समर्पित करने के लिए बहुत ही अच्छा प्रस्ताव है।
इसके अलावा इस विवाह में घर को दुल्हन की तरह सजाया गया इस विवाह में लगभग ₹200000 का खर्चा आया है । इस अवसर पर सभी रिश्तेदारों , परिवार जनों और ग्रामीण जनों को बुलाया गया। महिलाओं के द्वारा मांगलिक गीत लोकाचार सभी रस्में अदा की।
बरात नरसिंह पुरी के सीताराम जी मंदिर से बनकर रतन कंवर के निवास स्थान तक पहुंची जिसमें गांव के लोगों ने गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते हुए तोरण द्वार तक लेकर आए। और भगवान से तोरण की रस्में अदा करवाई। दहेज में भगवान का सिंहासन ,पोशाक व सोने से बने गणेश और सोने के बने पंचपात्र एवं सभी बारातियों को जुआरी डी गई साथ ही कन्यादान में ₹11000 भी दिए।