बाड़मेर के छोटे-से गांव में रहने वाले मजदूर का रीट में हुआ सिलेक्शन । इस माह की शुरुआत में जब साइंस-मैथ्स टीचर भर्ती (रीट) का रिजल्ट आया, तब भी वह सीमेंट के कट्टे खाली कर रहा था। रीट में सलेक्शन का पता चलने पर वह खुशी से झूम उठा।
मातासर गांव निवासी रेखाराम एक गरीब किसान का बेटा है। उसने मजदूरी करके पढ़ाई और अपने परिवार का खर्च चलाया। रेखाराम की जिद और मेहनत के आगे मंजिल छोटी हो गई।रेखाराम ने कहा- कभी किसी को हार नहीं माननी चाहिए। मेहनत करते रहना चाहिए। कैसी भी परिस्थिति हो, उसका सामना करना चाहिए। कभी न कभी भगवान साथ देगा ही। मेरी पत्नी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। इससे मुझे सहारा मिल गया।
सोशल मीडिया और न्यूज देखता था। उससे पता चला कि रिजल्ट आने वाला है। जिस समय रिजल्ट आया, मैं धोरीमन्ना में सीमेंट की गाड़ी खाली कर रहा था। रिजल्ट का पता लगने के बाद भी मैंने सीमेंट की पूरी गाड़ी खाली की। मेरे घर में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है। मेरे साथ मेरा भाई भैराराम भी काम करता था। युवाओं को मैं इतना कहना चाहूंगा कि लगातार मेहनत को जारी रखें। सफलता अपने आप हाथ लगेगी।