BREAKING NEWS
Search
HS News

हमें अपनी खबर भेजे

Click Here!

Your browser is not supported for the Live Clock Timer, please visit the Support Center for support.

इनकमटैक्स विभाग व सरकारी ख़ज़ाने को चूना लगा रहे बिल्डर

257

कौड़ियों के दाम में सरकारी योजनाओं की ज़मीन लेकर करोड़ों में बेचने की वास्तविकता से रूबरू होने के लिए www.hsnews.in की वेबसाइट पर सुनिए बिल्डर और खरीददार के बीच की वास्तविक बात। हिलव्यू समाचार ने किया है इसका खुलासा देखिए यह वीडियो. .

देखिए भ्रष्टाचार की गंगा जयपुर के बिल्डर्स से लेकर अधिकारियों,कर्मचारियों तक अनवरत जारी । इनकमटैक्स विभाग व सरकारी ख़ज़ाने को किस तरह जयपुर के बिल्डर लगा रहे है चूना

मालवीय नगर निगम ग्रेटर सत्कार शॉपिंग सेंटर के पीछे,प्लॉट न. 675 सरकारी योजनाओं से मिले आवासीय भूखण्ड पर अवैध कमर्शियल शोरूम बनाकर करोड़ों में बेचने का खेल *

जयपुर हिलव्यू समाचार। जयपुर विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड द्वारा निम्न आर्य वर्ग के स्थायी आवास के लिए सरकारी आवास योजनाएँ लायी जाती हैं लेकिन इसमें कुछ प्रोपेर्टी डीलर या बिल्डर्स इसे खरीद लेते हैं फिर खेल शुरू होता है सरकार से मिली कोड़ियों की ज़मीन को करोड़ों में बदलने का।सरकारी आवासीय योजनाओं के आवासीय भूखण्ड पर कमर्शियल बिल्डिंग,शोरूम कॉम्प्लेक्स खड़े किये जाते हैं और करोड़ों की क़ीमत में बेचे जाते हैं। इन सरकारी आवासों में अवैध निर्माणों के कारण बैंक लोन का कोई ऑप्शन नहीं होता। दो नंबर का मोटा पैसा देकर आने वाला ग्राहक इसे खरीदता है 70 % पैसा दो नंबर व 30% एक नंबर में रजिस्ट्री में शो किया जाता है यानि अपराध पर अपराध चलता है। भ्रष्टाचार की चैन बिल्डर्स से लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों से होती हुई ग्राहक को बुरी तरह जकड़े होती है कि वह सिर्फ़ काम निकालने के भाव से प्रॉपर्टी क्रय करता है देशहित या लोकहित ग्राहक का विषय नहीं होता। सरकारी योजनाएँ धरातल पर नीलाम होती हैं साथ-साथ सरकारी रेवेन्यू को चूना लगता है कि आवसीय में कमर्शियल बिल्डिंग बन जाती हैं। इसके साथ इनकमटैक्स को जो चूना लगता है यह बहुत बड़ा मसला है। आख़िर सरकार की इन ग़रीब वर्ग की योजनाओं का कितना लाभ गरीब वर्ग को मिल पाता है यह सोचने का विषय है और इसके क्रियान्वयन में आवश्यक फेर-बदल की आवश्यकता है। करोड़ों में बिकने वाले ये शोरूम,कॉम्प्लेक्स या फ्लैट्स इनकमटैक्स की निग़ाह से क्यों ओझल है यह बड़े आश्चर्य की बात है और सरकारी रेवेन्यू को चूना लग रहा है यह सरकार से कैसे छिप जाता है यह तो सर्वविदित है ही।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »