एक तरफ़ राहुल गाँधी “भारत जोड़ो यात्रा” कर रहे हैं और राजस्थान में उनके कांग्रेस विधायक “आपस में भांडा फोड़ो यात्राकर रहे हैं?*
विनाशकाले विपरित बुद्धि
स्पेशल रिपोर्ट शालिनी श्रीवास्तव
कांग्रेस का यह वह दौर है जब यह भारत से सिमटने की कगार पर खड़ी है। ऐसे में राजस्थान की सियासी हलचल हर दिन बिगड़े चेहरे के साथ इसे उस खाई की ओर और ज़्यादा धकेल रही है।
गहलोत सरकार के विधायक,मंत्री यहाँ तक कि कर्मठ कार्यकर्ता भी गहलोत सरकार की कई रीति-नीतियों से असंतुष्ट हैं। कोई अपनी सेवाओं के बदले सम्मानित पद न मिलने के कारण बौखलाहट में है तो कोई सत्ता में उच्च पद पर होते हुए शक्ति न मिलने की कड़वाहट में भुनभुना रहा है। किसी को खाने को नहीं मिल रहा किसी का पेट फटने को है।
आये दिन कांग्रेस के मंत्री, विधायक, कार्यकर्ता अपनी ही सरकार के समक्ष शिकायतें परोस रहे हैं तो ऐसे में आम जनता का नम्बर तो कहाँ से लगेगा शिक़ायत के घेरे में जाकर अपनी शिक़ायत दर्ज करने का।
सियासी संकट नहीं है ये प्यासी कंटक है जो कांग्रेस पार्टी के गले में अटक गई है और कहीं ये कंटक उसके प्राण न ले ले।
राजस्थान के आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपना अशोक चक्र लेकर गुजरात की गलियों में गुज़र-बसर कर रहे हैं।वे राजस्थान की जनता के बीच आये न आये लेकिन धड़ाधड़ी से लगातार सौगातों के अंबार उछाल रहे हैं जैसे निक़ाह के वक़्त काजू,बादाम और अखरोट लुटाए जाते हैं। पेंशन बहाल का मामला हो या स्थायिकरण का, हर वर्ग को इस वक़्त ख़ुश करने का प्रण लिए गहलोत अकेले कांग्रेस की कमान राजस्थान में संभाले हुए हैं और उनकी टीम आपस में टकरा-टकरा कर अपना ही सर फोड़ रही है।
मगर गहलोत की यह रेवड़ी बाँटने वाली नीति शायद इस बार काम नहीं करेगी क्योंकि जनता सब जानती है और ख़राब माहौल तो स्वयं इनके खेमे के मंत्री,विधायक और कार्यकर्ता व लोग बढ़-चढ़कर बना ही रहे हैं जैसे–
◆मंत्री अशोक चांदना ने सचिन पायलट को खुली
चुनौती में कहा – ‘जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो
एक ही बचेगा’,
◆ स्वयं अशोक गहलोत सार्वजनिक मंचों में सचिन पायलेट के विरुद्ध प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बयान देते नज़र आते हैं।
◆आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ सचिन पायलेट
को गद्दार कहते हैं
◆सचिन पायलट गुट के विधायक वेद सोलंकी ने आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने का जवाब देते हुए कहते हैं कि
“कौन धर्मेंद्र? धर्मेंद्र राठौड़ तो रजिस्टर्ड दलाल है सब जानते हैं कि किस तरह से वो कांग्रेस और बीजेपी दोनों जगह दलाली करते हैं”किसी से छिपा नहीं है।
◆ सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस के यूडीएच सहित कई विभागों के 4000 करोड़ के घपलों को लगातार उजागर करते हुए बयान देते नज़र आते हैं।
◆यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल बलात्कार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर हास्य के साथ कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है?
◆सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को कहा कि वह कांग्रेस के कल्चर के नहीं है। मंत्री शांति धारीवाल का एलाइनमेंट गड़बड़ है।
◆खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित विधायक दिव्या मदेरणा मुख्यमंत्री को एसीआर भरने की पावर न देने पर शिक़ायत करती नज़र आती है।
◆ एसीआर भरने के मुद्दे पर ही गहलोत के खास मंत्री आपस में उलझ जाते हैं एक तरफ़ भूजल मंत्री महेश जोशी कहते हैं एसीआर भरने का मुझे तो अधिकार मिला हुआ है प्रताप सिंह खाचरियावास पलटवार करते हैं कि महेश जोशी झूठे हैं, उन्होंने सरकार की गुलामी करने का ठेका लिया हुआ है।
◆विधायक दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी पर कटाक्ष किया कि वो एसीआर तो नहीं लिख रहे हैं, लेकिन अनुशासनहीनता की गौरवगाथा जरूर लिख रहे हैं।
◆विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने तो यहाँ तक कह दिया कि उनकी निष्ठा सचिन पायलट के प्रति है, पार्टी के प्रति नहीं।।यही बयान इंद्राज गुर्जर का रहा।
राष्ट्रीयअध्यक्ष पद के दौरान विधायकों का बागी हो जाना कांग्रेस की कमज़ोरी को उज़ागर कर गया।
लगातार राजस्थान कांग्रेस में आपस में ज्वार-भाटे जनम ले रहे हैं और इसका सारा असर कांग्रेस के विरुद्ध एक माहौल बना रहा है। जनता सब देख सुन रही है ये डिजिटल दौर है किसी से कुछ छिपा नहीं। कांग्रेस के ख़ास विधायक और मंत्रियों को क्या सूरदास सूंघ गए हैं कि सभी जिस डाल पर बैठे हैँ उसे ही काट रहे हैं कहीं ऐसा न हो कि कांग्रेस के इन सभी बाग़ी और बड़बोले विधायकों की कारस्तानी से कांग्रेस सरकार धड़ाम से ज़मीन पर न आ गिरे।