राजापार्क सूरज मैदान के सामने मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की है घटना।
पुलिस का इन्वेस्टिगेशन जारी है। वजह जो भी रही हो लेकिन कुछ कारण प्रांसगिक हैं जिस तरह से यह युग भाग रहा है। डिजिटल हो गया है। इन मासूम मनों में परिपक्वता आ गयी है। कम समय में ज़्यादा की चाहत,ऊँचे सपने,शॉर्टकट और पारिवारिक विघटन और दोस्ती की दुनिया,महत्वाकांक्षाएँ, माता-पिता या परिवार की अपेक्षाएं ……यही है आजकल के बच्चों का सच कि मासूम बचपन खेलना कूदना भूल गया है
मन की बात जब घुटन में बदलती है तो ये हादसे होते हैं। यु ट्यूब,डिजिटल टेक्नोलॉजी की दौड़ती भागती दुनिया बचपन छीनकर बड़ा कर रही है। लगातार होते ये हादसे समाज के लिए चिंतनीय विषय होना चाहिए । कोटा में लगातार कोंचिंग के दौरान आत्महत्या की ख़बरों से समाचार पत्र और चैनल भरे पड़े हैं।